श्री चंद्रशेखरेन्द्र सरस्वती स्तुति
श्रुतिस्मृतिपुराणोक्त धर्ममार्गरतम् गुरुम् |
भक्तानां हित वक्तारं नमस्ये चित्तशुद्धये || 1 ||
अद्वैतानन्दभरितं साधूनामुपकारीणम् |
सर्वशास्त्रविदं शान्तं नमस्ये चित्तशुद्धये || 2 ||
धर्मभक्तिज्ञानमार्गप्रचारे बद्धकङ्कणम् |
अनुग्रहप्रदातारं नमस्ये चित्तशुद्धये || 3 ||
भगवत्पादपादाब्जविनिवेशित चेतसः |
श्रीचन्द्रशेखरगुरोः प्रसादो मयिजायताम् || 4 ||
क्षेत्रतीर्थकथाभिज्ञः सत्सिदानन्दविग्रहः |
चन्द्रशेखर्यवरण्यं मे सन्निधत्तात् सदा हृदि || 5 ||
पोषणे वेदशास्त्राणां दत्तचित्तमिहर्निशम् |
क्षेत्रयात्रारतं वन्दे सद्गुरुं चन्द्रशेखरम् || 6 ||
वेदज्ञान वेदभाष्यज्ञानं कर्तुं यस्य समुज्जमः |
गुरुर्यस्य महादेवः तं वन्दे चन्द्रशेखरम् || 7 ||
मणिवाचक गोदादी भक्तिवागमृतैर्रशम् |
बालानां भगवद्भक्तिं वर्धयन्तं गुरुं भजे || 8 ||
लघूपदेशैरनास्तिक्यभावमर्दन कौविदम् |
शिवं स्मितमुखं शान्तं प्रणतोऽस्मि जगद्गुरुम् || 9 ||
विनयेन प्रार्थयेऽहम् विद्यां बोधयमे गुरो |
मार्गमन्न्यं नजानेऽहम् भवन्तं शरणं गतः || 10 ||
श्री चंद्रशेखरेन्द्र सरस्वती स्तुति के बारे में
श्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती स्तुति कांची कामकोटी पीठम के 68वें जगद्गुरु, जिन्हें महापेरियावर के नाम से जाना जाता है, को समर्पित एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है। यह उनकी दिव्य बुद्धि, करुणा और एक महान आध्यात्मिक नेता तथा मनीषी के रूप में मार्गदर्शन की प्रशंसा करता है।
अर्थ
यह स्तुति श्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती को अद्वैत दर्शन का प्रतीक, धर्म के पालनकर्ता और अपने भक्तों के लिए शांति तथा ज्ञान के स्रोत के रूप में महिमा देती है। यह उनकी शिक्षाओं और आशीर्वाद के लिए कृतज्ञता व्यक्त करती है।
लाभ
- आध्यात्मिक विकास और ज्ञान को प्रेरित करता है
- जीवन में मार्गदर्शन और स्पष्टता प्रदान करता है
- मनोवैज्ञानिक शांति और आंतरिक सौहार्द लाता है
- विश्वास और भक्ति को मजबूत बनाता है
महत्व
श्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती स्तुति का नियमित जाप भक्तों को कांची मठ की आध्यात्मिक विरासत से जोड़ता है, जो गहरी श्रद्धा और आध्यात्मिक उन्नति को बढ़ावा देता है।