श्री धर्म शास्त्र स्तुति दशकम्
आशानुरूपफलदं चरणारविन्द-
-भाजामपार करुणार्णव पूर्णचन्द्रम् |
नाशाय सर्वविपदामपि नौमि नित्य-
-मीशानकेशवभवं भुवनैकनाथम् || 1 ||
पिच्छावलीं वलयिताकलितप्रसून-
-सञ्जातकान्तिभरभासुरकेशभारम् |
शिंजानमञ्जुमणिभूषणरञ्जिताङ्गं
चन्द्रावतंसहरिनन्दनमाश्रयामि || 2 ||
आलोलनीललितालकहारारम्य-
-माकम्रणासमरुणाधरमायाताक्षम् |
आलम्बनं त्रिजगतां प्रमथाधिनाथ-
-मानंरलोक हरिनन्दनमाश्रयामि || 3 ||
कर्णावलम्बि मणिकुण्डलभासमाना-
-गण्डस्थलं समुदिताननपुण्डरीकम् |
अर्णोजनाथभरयोरिव मूर्तिमन्तं
पुण्यातिरेकमिव भूतपतिं नमामि || 4 ||
उद्दण्डचारुभुजदण्डयुगाग्रसंस्थं
कोदण्डबाणमहितान्तमदान्तवीर्यम् |
उद्यात्प्रभापटलदीप्रमदभ्रसारं
नित्यं प्रभापतमिहं प्रणतो भवामि || 5 ||
मालेयपङ्कसमलङ्कृतभासमाना-
-दोरन्तरालतरलामलहाहरजालम् |
नीलातिनिर्मलदुकूलधरामुकुन्द-
-कालान्तकप्रतिनिधिं प्रणतोऽस्मि नित्यम् || 6 ||
यत्पादपङ्कजयुगं मुनयोऽप्यजस्रं
भक्त्या भजन्ति भवरोगनिवारणाय |
पुत्रं पुरान्तकमुरान्तकयोरुदारं
नित्यं नमाम्यहममित्रकुलान्तकं तम् || 7 ||
कान्तं कलायकुसुमद्युतिलोभनीय-
-कान्तिप्रवाहविलसत्कमनीयरूपम् |
कान्तातनूजसहितं निखिलामयौघ-
-शान्तिप्रदं प्रमथनाथमहं नमामि || 8 ||
भूतेश भूरिकरुणामृतपूरपूर्ण-
-वारान्निधे वरद भक्तजनैकबंधो |
पायाद्भवान् प्रणतमेनमपारघोरा-
-संसारभीतमिह मामखिलामयेब्यः || 9 ||
हे भूतनाथ भगवन् भवदीयचारु-
-पादांबुजे भवतु भक्तिरचञ्चला मे |
नाथाय सर्वजगतां भजतां भवाब्धि-
-पोताय नित्यमखिलाङ्गभुवे नमस्ते || 10 ||
इति श्री धर्मशास्ता स्तुति दशकम् ||
श्री धर्म शास्त्र स्तुति दशकम् के बारे में
श्री धर्मशास्त्र स्तुति दशकम् भगवान धर्मशास्त्र या भगवान अय्यप्पा को समर्पित एक प्रसिद्ध दश्मंत्रीय स्तोत्र है। यह स्तुति उनके धर्मपालक और भक्तों के जीवन की बाधाएँ दूर करने वाले रूप की प्रशंसा करती है।
अर्थ
यह स्तुति भगवान धर्मशास्त्र को महायोद्धा, करुणा के सागर और शाश्वत मार्गदर्शक के रूप में महिमा देती है, जो भय को नष्ट करते हैं और अपने कमल पदों में शरण लेने वालों को आशीर्वाद देते हैं।
लाभ
- भय और बाधाओं को दूर करता है
- सुरक्षा और करुणा प्रदान करता है
- आध्यात्मिक शक्ति और मार्गदर्शन देता है
- भक्तों की इच्छाओं और प्रार्थनाओं को पूर्ण करता है
महत्व
नियत रूप से श्री धर्मशास्त्र स्तुति दशकम् का जप भगवान अय्यप्पा की दिव्य ऊर्जा से जुड़ने में भक्तों की सहायता करता है, जिससे वे जीवन की चुनौतियों को पार कर आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त कर सकें।