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ब्रह्मा कृता श्री राम स्तुति

ब्रह्मोवाच |

वन्दे देवं विष्णुमशेषस्थिति हेतुं
त्वामध्यात्मज्ञानिभिरन्तर्हृदि भाव्यम् |
हेयाहेयद्वन्द्वविहीनं परमैकं
सत्तामात्रं सर्वहृदिस्थं दृष्टिरूपम् || 1 ||

प्राणापानौ निश्चितबुद्ध्या हृदि रुद्ध्वा
छित्त्वा सर्वं संश्याबन्धं विषयौघान् |
पश्यन्तीशं यं गतमोहान् यतयस्तं
वन्दे रामं रत्नकिरीतं रविभासम् || 2 ||

मायातीतं माधवमाद्यं जगदादिं
मानातीतं मोहविनाशं मुनिवन्द्यम् |
योगिध्येयं योगविधानं परिपूर्णं
वन्दे रामं रञ्जितलोकं रमणीयम् || 3 ||

भावाभावप्रत्ययहीनं भवमुख्यै-
-र्योगासक्तैरर्चितपदांबुजयुग्मम् |
नित्यम् शुद्धं बुद्धमणन्तं प्रणवाख्यं
वन्दे रामं वीरमशेषासुरदावम् || 4 ||

त्वं मे नाथो नाथितकायाखिलकारी
मानातीतो माधवरूपोऽखिलाधारी |
भक्त्या गम्यो भावितरूपो भवहारी
योगाभ्यासैरभावितचेतः सहचारी || 5 ||

त्वामाद्यन्तं लोकततीनां परमेशं
लोकानां नो लौकिकमानैरधिगम्यम् |
भक्तिश्रद्धाभावसमेतैरभजनीयं
वन्दे रामं सुंदरमिन्दीवरनीलम् || 6 ||

को वा ज्ञातुं त्वामतिमानं गतमानं
मायासक्तो माधव शक्तो मुनिमान्यम् |
वृन्दारण्ये वन्दितवृन्दारकवृन्दं
वन्दे रामं भवमुखवन्द्यं सुखकन्दम् || 7 ||

नानाशास्त्रैर्वेदकदम्बैः प्रतिष्ठाप्यं
नित्यानन्दं निर्विषयज्ञानमनादिम् |
मत्सेवार्थं मानुषभावं प्रतिष्ठानं
वन्दे रामं मकरतवर्णं मथुरेशम् || 8 ||

श्रद्धायुक्तो य: पठतीमं स्तवमाद्यं
ब्राह्मं ब्रह्मज्ञानविधानं भूवि मर्यः |
रामं श्यामं कामितकामप्रदमीशं
ध्यात्वा ध्याता पातकजालैरविगत: स्यात || 9 ||

इति श्रीमदध्यात्मरामायणे युद्धकाण्डे त्रयोदशः सर्गे ब्रह्मदेव कृता श्रीराम स्तुति ||

ब्रह्मा कृता श्री राम स्तुति के बारे में

ब्रह्मा कृत श्री राम स्तुति एक पवित्र स्तोत्र है जिसे भगवान ब्रह्मा ने रचित किया है, जो भगवान श्री राम की धार्मिकता और करुणा के प्रतीक हैं। यह स्तुति राम के दिव्य स्वरूप, गुणों और ब्रह्मांड के रक्षक व पालनकर्ता के रूप में उनकी महिमा करती है।

अर्थ

यह स्तुति भगवान राम को सर्वोच्च आत्मा के रूप में वर्णित करती है जो सब कुछ नष्ट हो जाने पर भी विद्यमान रहते हैं, और योगियों द्वारा आध्यात्मिक ज्ञान के लिए ध्यान किया जाता है। यह उनके तेजस्वी मुकुट, शंका और भय को दूर करने वाले गुणों और सभी हृदयों में उनकी शाश्वत उपस्थिति को दर्शाती है।

लाभ

  • शंका, भय और बाधाओं को दूर करता है
  • आध्यात्मिक ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करता है
  • शांति, सुरक्षा और समृद्धि लाता है
  • धर्म और भक्ति के लिए प्रेरित करता है

महत्व

ब्रह्मा कृत श्री राम स्तुति का पाठ करने से भगवान राम की दिव्य कृपा प्रकट होती है, जो आध्यात्मिक विकास, संरक्षण और सांसारिक व आध्यात्मिक कार्यों में सफलता प्रदान करती है।

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