विष्णु अष्टोत्तरम् - श्री विष्णु के 108 नाम
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ॐ विष्णवे नमः ।
ॐ जयिष्णवे नमः ।
ॐ वषट्काराय नमः ।
ॐ देवदेवाय नमः ।
ॐ वृषाकपये नमः ।
ॐ दामोदराय नमः ।
ॐ दीनबन्धवे नमः ।
ॐ आदिदेवाय नमः ।
ॐ आदितेस्तुताय नमः । 9
ॐ पुण्डरीकाय नमः ।
ॐ परानन्दाय नमः ।
ॐ परमात्मने नमः ।
ॐ परात्पराय नमः ।
ॐ परशुधारिणे नमः ।
ॐ विश्वात्मने नमः ।
ॐ कृष्णाय नमः ।
ॐ कलिमलापहारिणे नमः ।
ॐ कौस्तुभोद्धासितोरस्काय नमः । 18
ॐ नाराय नमः ।
ॐ नारायणाय नमः ।
ॐ हरये नमः ।
ॐ हराय नमः ।
ॐ हरप्रियाय नमः ।
ॐ स्वामिने नमः ।
ॐ वैकुण्ठाय नमः ।
ॐ विश्वतोमुखाय नमः ।
ॐ हृषीकेशाय नमः । 27
ॐ अप्रमेयात्मने नमः ।
ॐ वराहाय नमः ।
ॐ धरनीधराय नमः ।
ॐ वामनाय नमः ।
ॐ वेदवक्ताय नमः ।
ॐ वासुदेवाय नमः ।
ॐ सनातनाय नमः ।
ॐ रामाय नमः ।
ॐ विरामाय नमः । 36
ॐ विरजाय नमः ।
ॐ रावणारये नमः ।
ॐ रामापतये नमः ।
ॐ वैकुण्ठवासिने नमः ।
ॐ वसुमते नमः ।
ॐ धनदाय नमः ।
ॐ धरनीधराय नमः ।
ॐ धर्मेशाय नमः ।
ॐ धरनीनाथाय नमः । 45
ॐ ध्येयाय नमः ।
ॐ धर्मभृतांवराय नमः ।
ॐ सहस्रशीर्षाय नमः ।
ॐ पुरुषाय नमः ।
ॐ सहस्राक्षाय नमः ।
ॐ सहस्रपादे नमः ।
ॐ सर्वगाय नमः ।
ॐ सर्वविदे नमः ।
ॐ सर्वाय नमः । 54
ॐ शरण्याय नमः ।
ॐ साधुवल्लभाय नमः ।
ॐ कौसल्यानन्दनाय नमः ।
ॐ श्रीमते नमः ।
ॐ राक्षसःकुलनाशकाय नमः ।
ॐ जगतकर्ताय नमः ।
ॐ जगद्धर्ताय नमः ।
ॐ जगज्जेताय नमः ।
ॐ जनार्तिहराय नमः । 63
ॐ जानकीवल्लभाय नमः ।
ॐ देवाय नमः ।
ॐ जयरूपाय नमः ।
ॐ जलेश्वराय नमः ।
ॐ क्षीराब्धिवासिने नमः ।
ॐ क्षीराब्धितनयावल्लभाय नमः ।
ॐ शेषशायिने नमः ।
ॐ पन्नगारिवाहनाय नमः ।
ॐ विष्टरश्रवसे नमः । 72
ॐ माधवाय नमः ।
ॐ मथुरानाथाय नमः ।
ॐ मुकुन्दाय नमः ।
ॐ मोहनाशनाय नमः ।
ॐ दैत्यारिणे नमः ।
ॐ पुण्डरीकाक्षाय नमः ।
ॐ अच्युताय नमः ।
ॐ मधुसूदनाय नमः ।
ॐ सोमसूर्याग्निनयनाय नमः । 81
ॐ नृसिंहाय नमः ।
ॐ भक्तवत्सलाय नमः ।
ॐ नित्याय नमः ।
ॐ निरामयाय नमः ।
ॐ शुद्धाय नमः ।
ॐ नरदेवाय नमः ।
ॐ जगतप्रभवे नमः ।
ॐ हयग्रीवाय नमः ।
ॐ जितरिपवे नमः । 90
ॐ उपेन्द्राय नमः ।
ॐ रुक्मिणीपतये नमः ।
ॐ सर्वदेवमयाय नमः ।
ॐ श्रीशाय नमः ।
ॐ सर्वाधाराय नमः ।
ॐ सनातनाय नमः ।
ॐ सौम्याय नमः ।
ॐ सौम्यप्रदाय नमः ।
ॐ स्रष्टे नमः । 99
ॐ विश्वसेनाय नमः ।
ॐ जनार्दनाय नमः ।
ॐ यशोदातनयाय नमः ।
ॐ योगिने नमः ।
ॐ योगशास्त्रपरायणाय नमः ।
ॐ रुद्रात्मकाय नमः ।
ॐ रुद्रमूर्तये नमः ।
ॐ राघवाय नमः ।
ॐ मधुसूदनाय नमः । 108
इति श्री विष्णु अष्टोत्तरम् सम्पूर्णम् ॥
विष्णु अष्टोत्तरम् - श्री विष्णु के 108 नाम के बारे में
विष्णु अष्टोत्तर शतनामावली भगवान विष्णु के 108 दिव्य नामों का पवित्र संग्रह है, जो हिंदू धर्म में सृष्टि के पालनकर्ता और रक्षक माने जाते हैं। इन नामों का जाप उनकी कृपा, आध्यात्मिक विकास, सुरक्षा और समग्र कल्याण के लिए किया जाता है।
अर्थ
यह स्तोत्र भगवान विष्णु के रक्षक, पालनकर्ता और करुणामयी देवता के रूप में विभिन्न गुणों और दैवीय विशेषताओं को उजागर करता है। नियमित जाप से मन शुद्ध होता है, भक्ति बढ़ती है, बाधाएं दूर होती हैं और शांति तथा समृद्धि आती है।
लाभ
- आध्यात्मिक विकास और मानसिक शांति को बढ़ावा देता है
- नकारात्मक प्रभावों और बाधाओं से सुरक्षा करता है
- दैवीय भक्ति और विश्वास को बढ़ाता है
- समृद्धि, स्वास्थ्य और सुख लाता है
- कर्म का संतुलन बनाता है और सद्भाव बढ़ाता है
महत्व
विष्णु अष्टोत्तर शतनामावली को धार्मिक अनुष्ठानों, त्योहारों और दैनिक प्रार्थनाओं में भगवान विष्णु की दैवीय उपस्थिति और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए व्यापक रूप से जपा जाता है। इसे सुरक्षा और कल्याण के लिए एक शक्तिशाली आध्यात्मिक साधना माना जाता है।