गणेश चतुर्थी के अवसर पर, पूरे भारत में भक्त भगवान गणेश की पूजा करते हैं। पूजा घरों और मंदिरों में समान रूप से बड़े आनंद और उत्साह के साथ की जाती है। पूजा की मुख्य विशेषता गणेश मूर्ति की स्थापना है, जो बहुत सावधानी और श्रद्धा के साथ की जाती है। पूजा के लिए निम्नलिखित वस्तुओं की आवश्यकता होती है: एक मिट्टी का बर्तन या मिट्टी का पात्र, पानी, एक नारियल, फूल, धूप की छड़ें, कपूर का दीप, एक घंटी, एक थाली, भगवान गणेश की पसंदीदा मिठाइयां।
यद्यपि गणपति पूजा सबसे अधिक हिंदू त्योहार गणेश चतुर्थी से जुड़ी है, यह वर्ष के किसी भी दिन की जा सकती है। पूजा एक सरल लेकिन महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जिसमें भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करना शामिल है। गणपति पूजा का मुख्य घटक भगवान गणेश की मूर्ति है। यह मिट्टी, धातु, लकड़ी या किसी अन्य सामग्री से बनी हो सकती है। मूर्ति को एक स्वच्छ और पवित्र सतह पर रखा जाना चाहिए, जैसे कि एक छोटी वेदी या मंच।
गणपति पूजा हिंदू धर्म में सबसे लोकप्रिय और व्यापक रूप से किए जाने वाले पूजाओं में से एक है। यह भगवान गणेश की पूजा पर आधारित है, जो हाथी के सिर वाले देवता हैं और जिन्हें विघ्न हर्ता और नई शुरुआत के देवता माना जाता है। पूजा आमतौर पर गणेश चतुर्थी त्योहार के दौरान होती है, जो अगस्त या सितंबर में आती है। पूजा भगवान गणेश के आह्वान के साथ शुरू होती है, जिसके बाद देवता को फूल, धूप और फल चढ़ाने जैसे अनुष्ठानों की एक श्रृंखला होती है।
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