भूमि पूजा एक पवित्र हिंदू अनुष्ठान है जो किसी भी निर्माण कार्य शुरू करने से पहले माता भूमि का सम्मान करने के लिए किया जाता है। यह भूमि को शुद्ध करता है, नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सफल एवं सौहार्दपूर्ण कार्य के लिए दिव्य आशीर्वाद मांगता है।
साधारणतः निर्माण शुरू करने या नींव रखने के शुभ दिन से पहले किया जाता है।
हमारे अनुभवी पंडित विस्तृत अनुष्ठानों के साथ शुद्ध भूमि पूजा कराते हैं जो सौहार्दपूर्ण शुरुआत सुनिश्चित करते हैं।
भूमि पूजा का उद्देश्य क्या है?
भूमि को शुद्ध करना, बाधाएं दूर करना और सुरक्षित तथा समृद्ध निर्माण के लिए आशीर्वाद लेना।
भूमि पूजा कौन कराए?
वैदिक अनुष्ठानों में अनुभवी प्रशिक्षित पंडित या पुरोहित भूमि पूजा कराना चाहिए।
निर्माण से पहले भूमि पूजा जरूरी है क्या?
कानूनन अनिवार्य तो नहीं, परंपरागत रूप से भूमि पूजा को सकारात्मक ऊर्जा और सफलता के लिए आवश्यक माना जाता है।
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भूमि पूजा एक हिंदू धार्मिक अनुष्ठान है जो माँ पृथ्वी को सम्मान देने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह पूजा आम तौर पर किसी भवन या निर्माण परियोजना की शुरुआत से पहले की जाती है ताकि कार्य सफल हो और वहां शांति, समृद्धि बनी रहे।इस पूजा में स्थल की शुद्धि की जाती है, तत्पश्चात फलों, फूलों, जल, धूप, और दीपक से वेदी सजाई जाती है। मंत्रोच्चारण और प्रार्थनाओं के द्वारा पृथ्वी के ऊर्जा को आमंत्रित किया जाता है तथा उसकी आशीष मांगी जाती है।भूमि पूजा पर्यावरण की शुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति का स्रोत मानी जाती है। यह प्राचीन परंपरा श्रद्धा और सम्मान की पूर्वक आज भी व्यापक रूप से निभाई जाती है।
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