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रक्षाबंधन 2026 – भाई-बहन के प्रेम एवं सुरक्षा का पर्व

तारीख़: २८ अगस्त २०२६

पूरी तारीख

२८ अगस्त २०२६ सुबह ५:५७ बजे २८ अगस्त २०२६ सुबह ९:४८ बजे

मुहूर्त समय भारत में

  • राखी बांधने की विधि

    28 अगस्त 2026 को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 5:57 से 9:48 तक है। बहनें इस समय में अपने भाइयों के कल्याण के लिए पूजा और राखी का विधान पूरा करती हैं।

    २८ अगस्त २०२६ सुबह ५:५७ बजे २८ अगस्त २०२६ सुबह ९:४८ बजे

परिचय

रक्षाबंधन, जिसे राखी भी कहते हैं, भाई-बहन के अटूट प्रेम का पर्व है। श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह त्यौहार, बहन अपने भाई की कलाई पर पवित्र राखी बांधती है, उसके सुख, समृद्धि और सुरक्षा की कामना करती है।

अन्य नाम

राखी, राखी पूर्णिमा, सलूनो, राखड़ी

पूजा विधि

  • घर की सफाई कर प्रातः स्नान करें।
  • राखी, दीपक, रोली, अक्षत और मिठाई की थाली सजाएँ।
  • भाई की आरती करें, दाहिने हाथ में राखी बांधें, और प्रार्थना करें।
  • मिठाई खिलाएँ, उपहार या आशीर्वाद प्राप्त करें।
  • पारिवारिक प्रेम, रक्षा एवं सुख-शांति के लिए प्रार्थना करें।

अनुष्ठान

  • बहने राखी, मिठाई, चावल, कुमकुम व दीपक से सजी थाली तैयार करती हैं।
  • भाई के माथे पर तिलक लगाकर, कलाई में राखी बांधती हैं और उसकी सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
  • भाई, बहन को उपहार या धन देते हैं और जीवनभर रक्षा का वचन देते हैं।
  • परिवारजन मिलकर मिठाइयाँ बांटते हैं, पूजन करते हैं और उत्सव का आनंद लेते हैं।
  • कुछ स्थानों पर इस दिन पुरोहितों द्वारा रक्षा-सूत्र भी बांधा जाता है।

क्षेत्रीय विशेषताएँ

  • पश्चिमी भारत में इसे 'नारियली पूर्णिमा' कहा जाता है, जिसमें समुद्र में नारियल चढ़ाया जाता है।
  • मध्य भारत में 'कजरी पूर्णिमा' के रूप में मनाते हैं, जहां किसान जौ बोने की शुरुआत करते हैं।
  • सिख समुदाय में ‘राखड़ी’ पर्व मनाया जाता है।
  • जैन धर्म में इसे आध्यात्मिक रक्षा के रूप में मनाते हैं।
  • नेपाल व अन्य दक्षिण एशियाई देशों में भी विविध रीति-रिवाजों के साथ रक्षाबंधन मनाया जाता है।

इतिहास

रक्षाबंधन की पौराणिक कथा द्रौपदी द्वारा कृष्ण को राखी बांधने से जुड़ी है। रानी कर्णावती ने मुग़ल बादशाह हुमायूँ को रक्षा के लिए राखी भेजी थी। यह पर्व रक्षा, कर्तव्य और पारिवारिक प्रेम का प्रतीक है। कवि रविंद्रनाथ टैगोर ने भी इसे साम्प्रदायिक एकता के रूप में बढ़ावा दिया।

अतिरिक्त जानकारी

  • रक्षाबंधन हिंदू, जैन, सिख और बौद्ध धर्मावलंबियों द्वारा मनाया जाता है।
  • राखी रक्षा, सद्भावना और आजीवन साथ का प्रतीक है।
  • रक्षाबंधन पारिवारिक संबंधों को प्रगाढ़ करता है और समाज में एकता लाता है।
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