चैत्र नवरात्रि उत्सव 2026
तारीख़: १९ – २७ मार्च २०२६
पूरी तारीख
१९ मार्च २०२६ सुबह ६:१० बजे – २७ मार्च २०२६ शाम ७:०० बजे
मुहूर्त समय भारत में
घटस्थापना (कलश स्थापना)
माँ दुर्गा की उपस्थिति का प्रतीक घटस्थापना। शुभ मुहूर्त: 19 मार्च 2026, प्रातः 6:10 से 8:35 बजे तक।
१९ मार्च २०२६ सुबह ६:१० बजे – १९ मार्च २०२६ सुबह ८:३५ बजे
राम नवमी
नवरात्रि के अंतिम दिन भगवान विष्णु के सातवें अवतार श्रीराम का जन्मोत्सव ‘राम नवमी’ मनाया जाता है, दिनांक 27 मार्च 2026।
२७ मार्च २०२६ सुबह ६:०० बजे – २७ मार्च २०२६ रात ८:०० बजे
परिचय
चैत्र नवरात्रि जिसे वसंत नवरात्रि भी कहा जाता है, हिंदू नववर्ष की शुरुआत और वसंत ऋतु के आगमन का पर्व है। यह माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना को समर्पित है, जो अच्छाई की बुराई पर विजय और दिव्य ऊर्जा के जागरण का प्रतीक है। भक्तजन नौ दिनों तक उपवास, प्रार्थना और आरती करते हैं।
अन्य नाम
वसंत नवरात्रि, राम नवरात्रि, वसंत ऋतु नवरात्रि
पूजा विधि
- घटस्थापना से पूर्व घर और पूजा स्थल को शुद्ध करें।
- पहले दिन जल से भरा कलश, आम के पत्ते और नारियल स्थापित करें।
- पूरे नौ दिनों तक अखंड ज्योति जलाएं।
- माँ दुर्गा को पुष्प, फल और भोग अर्पित करें और दुर्गा मंत्रों का जाप करें।
- सुबह व शाम देवी की आरती कर आशीर्वाद प्राप्त करें।
अनुष्ठान
- पहले दिन घटस्थापना (कलश स्थापना) करें जो माँ दुर्गा की उपस्थिति का प्रतीक है।
- नवदुर्गा के नौ स्वरूपों की प्रतिदिन पूजा करें।
- सात्विक आहार लें और अन्न, प्याज-लहसुन का त्याग करें।
- प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती, ललिता सहस्रनाम या देवीमहात्म्य का पाठ करें।
- नवमी को कन्या पूजन के साथ नवरात्रि का समापन करें।
क्षेत्रीय विशेषताएँ
- उत्तर भारत में भक्तजन व्रत रखते हैं और दुर्गा सप्तशती के पाठ का आयोजन करते हैं।
- महाराष्ट्र में यह पर्व गुड़ी पड़वा यानी नववर्ष से आरंभ होता है।
- आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में यह उत्सव उगादी के साथ प्रारंभ होता है।
- वैष्णो देवी और नैना देवी जैसे पर्वतीय मंदिरों में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।
इतिहास
चैत्र नवरात्रि की कथा प्राचीन काल की है जब माँ दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था, जो दिव्य शक्ति की विजय का प्रतीक है। यह पर्व भगवान श्रीराम द्वारा युद्ध से पूर्व माँ दुर्गा के आह्वान से भी जुड़ा है। यह नवचक्र की शुरुआत और आध्यात्मिक अनुशासन का प्रतीक पर्व है।
अतिरिक्त जानकारी
- चैत्र नवरात्रि वसंत ऋतु के साथ नवीनीकरण, समृद्धि और आत्मशुद्धि का संदेश देती है।
- नवरात्रि के प्रत्येक दिन को देवी की एक विशिष्ट शक्ति की आराधना के लिए समर्पित किया जाता है।
- पर्व का समापन राम नवमी के साथ होता है जो विष्णु और शक्ति उपासना का मिलन दर्शाता है।
