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अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम्

आदि लक्ष्मी
सुमनस वन्दिता सुन्दरी माधवी चन्द्र सहोदरी हेममये,
मुनिगण वन्दिता मोक्ष प्रदायिनी मञ्जुला भाषिणी वेदानुते ।
पंकज वासिनी देव सुपूजिता सद्गुण वर्षिणी शान्तियुते,
जय जयहे मधुसूदन कामिनी आदिलक्ष्मी जय पालय माम् ॥
धन्य लक्ष्मी
अयिकली कल्मष नाशनी कामिनिवैदिक रूपिणी वेदमये,
क्षीर समुद्र भाव मंगल रूपिणी मन्त्र निवासिनी मन्त्र नुते ।
मंगलदायिनी अम्बुजवासिनी देवगणाश्रिता पदयुते,
जय जयहे मधुसूदन कामिनी धन्यलक्ष्मी जय पालय माम् ॥

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धन लक्ष्मी
धिमी धीमी धिन धीमी धिन्धिमी धिन्धिमी दुण्डुभि नाद सुपूर्ण मये,
धूम धूम दुण्ढुम दुण्ढुम दुण्ढुम शंख निनाद सुवाद्य नुते ।
वेद पुराणइतिहास सुपूजिता वैदिक मार्ग प्रदर्शयुते,
जय जयहे मधुसूदन कामिनी धनलक्ष्मी सदा पालय माम् ॥

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