श्री षोडशी अष्टोत्तर शतनामावली
॥ श्री षोडशी अष्टोत्तर शतनामावली ॥
ॐ त्रिपुरायै नमः।
ॐ षोडश्यै नमः।
ॐ मात्रे नमः।
ॐ त्र्यक्षरायै नमः।
ॐ त्रितयायै नमः।
ॐ त्रय्यै नमः।
ॐ सुन्दर्यै नमः।
ॐ सुमुख्यै नमः।
ॐ सेव्यायै नमः।
ॐ सामवेदपरायणायै नमः। 10
ॐ शारदायै नमः।
ॐ शब्दनिलयायै नमः।
ॐ सागरायै नमः।
ॐ सरिदम्बरिकायै नमः।
ॐ शुद्धायै नमः।
ॐ शुद्धतनवे नमः।
ॐ साध्व्यै नमः।
ॐ शिवध्यानपरायणायै नमः।
ॐ स्वामिन्यै नमः।
ॐ शम्भुवनितायै नमः। 20
ॐ शम्भव्यै नमः।
ॐ सरस्वत्यै नमः।
ॐ समुद्रमथिन्यै नमः।
ॐ शीघ्रगामिन्यै नमः।
ॐ शीघ्रसिद्धिदायै नमः।
ॐ साधुसेव्यायै नमः।
ॐ साधुगम्यायै नमः।
ॐ साधुसन्तुष्टमानसायै नमः।
ॐ खट्वाङ्गधारिण्यै नमः।
ॐ खर्वायै नमः। 30
ॐ खड्गखर्परधारिण्यै नमः।
ॐ षड्वर्गभावरहितायै नमः।
ॐ षड्वर्गपरिचारिकायै नमः।
ॐ षड्वर्गायै नमः।
ॐ षडङ्गायै नमः।
ॐ षोडायै नमः।
ॐ षोडशवार्षिक्यै नमः।
ॐ ऋतुरूपायै नमः।
ॐ क्रतुमत्यै नमः।
ॐ ऋभुष्क्रतुमण्डितायै नमः। 40
ॐ कवर्गादिपवर्गान्तायै नमः।
ॐ अन्तःस्थायै नमः।
ॐ अन्तरूपिण्यै नमः।
ॐ अकाराकाररहितायै नमः।
ॐ कालमृत्युजरापहायै नमः।
ॐ तन्व्यै नमः।
ॐ तत्त्वेश्वर्यै नमः।
ॐ तारायै नमः।
ॐ त्रिवर्षायै नमः।
ॐ ज्ञानरूपिण्यै नमः। 50
ॐ काली नमः।
ॐ कराली नमः।
ॐ कामेशी नमः।
ॐ छायायै नमः।
ॐ संज्ञायै नमः।
ॐ अरुन्धत्यै नमः।
ॐ निर्विकल्पायै नमः।
ॐ महावेगायै नमः।
ॐ महोत्साहायै नमः।
ॐ महोदर्यै नमः। 60
ॐ मेधायै नमः।
ॐ बालिकायै नमः।
ॐ विमलायै नमः।
ॐ विमलज्ञानदायिन्यै नमः।
ॐ गौरी नमः।
ॐ वसुधरायै नमः।
ॐ गोप्त्र्यै नमः।
ॐ गवां पतिनिषेवितायै नमः।
ॐ भगाङ्गायै नमः।
ॐ भगरूपायै नमः। 70
ॐ भक्तिभावपरायणायै नमः।
ॐ भावपरायणायै नमः।
ॐ छिन्नमस्तायै नमः।
ॐ महाधूमायै नमः।
ॐ धूम्रविभूषितायै नमः।
ॐ धर्मकर्मादिरहितायै नमः।
ॐ धर्मकर्मपरायणायै नमः।
ॐ सीतायै नमः।
ॐ मातङ्गिन्यै नमः।
ॐ मेधायै नमः। 80
ॐ मधुदैत्यविनाशिन्यै नमः।
ॐ भैरव्यै नमः।
ॐ भुवनायै नमः।
ॐ मातर्यै नमः।
ॐ अभयदायै नमः।
ॐ भवसुन्दर्यै नमः।
ॐ भावुकायै नमः।
ॐ बगलायै नमः।
ॐ कृत्यायै नमः।
ॐ बालायै नमः। 90
ॐ त्रिपुरसुन्दर्यै नमः।
ॐ रोहिण्यै नमः।
ॐ रेवत्यै नमः।
ॐ रम्यायै नमः।
ॐ रम्भायै नमः।
ॐ रावणवन्दितायै नमः।
ॐ शतयज्ञमय्यै नमः।
ॐ सत्त्वायै नमः।
ॐ शतक्रतुवरप्रदायै नमः।
ॐ शतचन्द्राननादेव्यै नमः। 100
ॐ सहस्रादित्यसन्निभायै नमः।
ॐ सोमनयनायै नमः।
ॐ सूर्याग्निनयनायै नमः।
ॐ व्याघ्रचर्माम्बरावृतायै नमः।
ॐ अर्धेन्दुधारिण्यै नमः।
ॐ मत्तायै नमः।
ॐ मदिरायै नमः।
ॐ मदिरेक्षणायै नमः। 108
॥ श्री षोडशी अष्टोत्तर शतनामावली सम्पूर्ण ॥