श्री तुलसी अष्टोत्तर शतनामावली - १०८ नाम
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ॐ श्री तुलस्यै नमः।
ॐ नंदिन्यै नमः।
ॐ देव्यै नमः।
ॐ शिखिन्यै नमः।
ॐ धारिण्यै नमः।
ॐ धात्र्यै नमः।
ॐ सावित्री नमः।
ॐ सत्यसन्धायै नमः।
ॐ कलहारिण्यै नमः।
ॐ गौर्यै नमः।
ॐ देवगीतायै नमः।
ॐ द्रावियस्यै नमः।
ॐ पद्मिन्यै नमः।
ॐ सीतायै नमः।
ॐ रुक्मिण्यै नमः।
ॐ प्रियभूषणायै नमः।
ॐ श्रेयस्यै नमः।
ॐ श्रीमत्यै नमः।
ॐ मान्यायै नमः।
ॐ गौर्यै नमः।
ॐ गौतमर्चितायै नमः।
ॐ त्रेतायै नमः।
ॐ त्रिपथगायै नमः।
ॐ त्रिपादायै नमः।
ॐ त्रैमूर्त्यै नमः।
ॐ जगत्रायायै नमः।
ॐ त्रासिन्यै नमः।
ॐ गतायै नमः।
ॐ गत्रियै नमः।
ॐ गर्भवारिण्यै नमः।
ॐ शोभनायै नमः।
ॐ समयै नमः।
ॐ द्विरदायै नमः।
ॐ आराद्यै नमः।
ॐ यज्ञविद्यायै नमः।
ॐ महाविद्यायै नमः।
ॐ गुह्यविद्यायै नमः।
ॐ कामाक्ष्यै नमः।
ॐ कुलायै नमः।
ॐ श्रियै नमः।
ॐ भूम्यै नमः।
ॐ भवित्र्यै नमः।
ॐ सावित्री नमः।
ॐ सर्वेदविदांवरायै नमः।
ॐ शंखिन्यै नमः।
ॐ चक्रिन्यै नमः।
ॐ चरिन्यै नमः।
ॐ चपालेक्षणायै नमः।
ॐ पीताम्बरायै नमः।
ॐ प्रोत सोमायै नमः।
ॐ सौरसायै नमः।
ॐ अक्षिन्यै नमः।
ॐ अम्बायै नमः।
ॐ सरस्वत्यै नमः।
ॐ संश्रयायै नमः।
ॐ सर्व देवत्यै नमः।
ॐ विश्वश्रयायै नमः।
ॐ सुगन्धिन्यै नमः।
ॐ सुवसनायै नमः।
ॐ वरदायै नमः।
ॐ सुश्रोन्यै नमः।
ॐ चन्द्रभागायै नमः।
ॐ यमुनाप्रियायै नमः।
ॐ कावेऱ्यै नमः।
ॐ माणिकर्णिकायै नमः।
ॐ आर्चिन्यै नमः।
ॐ स्थायिन्यै नमः।
ॐ दानप्रदायै नमः।
ॐ धनवत्यै नमः।
ॐ सोच्यमनसयै नमः।
ॐ शुचिन्यै नमः।
ॐ श्रेयस्यै नमः।
ॐ प्रीतिचिन्तेक्षन्यै नमः।
ॐ विभूतयै नमः।
ॐ आकृत्यै नमः।
ॐ अविर्भूतयै नमः।
ॐ प्रभविन्यै नमः।
ॐ गन्धिन्यै नमः।
ॐ स्वर्गिन्यै नमः।
ॐ गदायै नमः।
ॐ वेद्यै नमः।
ॐ प्रभायै नमः।
ॐ सरस्यानि नमः।
ॐ सरस्विस्वायै नमः।
ॐ सरस्वत्यै नमः।
ॐ शरवत्यै नमः।
ॐ रासिन्यै नमः।
ॐ कालिन्यै नमः।
ॐ श्रेयोन्वत्यै नमः।
ॐ यमायै नमः।
ॐ ब्रह्मप्रियायै नमः।
ॐ श्यामसुन्दरायै नमः।
ॐ रत्नरूपिण्यै नमः।
ॐ शमनिधिन्यै नमः।
ॐ शतानन्दायै नमः।
ॐ शतद्युतायै नमः।
ॐ शीतिकान्तायै नमः।
ॐ प्रयायै नमः।
ॐ धात्र्यै नमः।
ॐ श्री वृन्दावन्यै नमः।
ॐ कृष्णायै नमः।
ॐ भक्तवत्सलायै नमः।
ॐ गोपिकाक्रिडायै नमः।
ॐ हरायै नमः।
ॐ अमृतरूपिण्यै नमः।
ॐ भूम्यै नमः।
ॐ श्री कृष्णकान्तायै नमः।
ॐ श्री तुलस्यै नमः।
श्री तुलसी अष्टोत्तर शतनामावली - १०८ नाम के बारे में
श्री तुलसी अष्टोत्तर शतनामावली एक पवित्र स्तोत्र है जिसमें देवी तुलसी के 108 दिव्य नाम सम्मिलित हैं, जिन्हें पवित्रता, भक्ति और आध्यात्मिक शक्ति के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। इन नामों का जाप उनकी कृपा, आध्यात्मिक विकास, सुरक्षा और कल्याण के लिए किया जाता है।
अर्थ
यह स्तोत्र देवी तुलसी के दैवीय गुणों और सद्गुणों को दर्शाता है, जिसमें वह रक्षक, शुद्धि करने वाली और आशीर्वाद देने वाली के रूप में प्रस्तुत होती हैं। इस नामावली का नियमित जाप भक्ति को बढ़ाता है, मन और वातावरण को शुद्ध करता है, और शांति तथा समृद्धि लाता है।
लाभ
- आध्यात्मिक शुद्धि और मानसिक शांति प्रदान करता है
- नकारात्मक ऊर्जा और प्रभावों से सुरक्षा करता है
- भक्ति और विश्वास को बढ़ाता है
- वातावरण को शुद्ध करता है और सकारात्मक ऊर्जा को मजबूत करता है
- स्वास्थ्य, सुख-शांति और समृद्धि के आशीर्वाद प्रदान करता है
महत्व
श्री तुलसी अष्टोत्तर शतनामावली उन भक्तों द्वारा व्यापक रूप से जपा जाता है जो तुलसी को एक पवित्र पौधा और दैवीय कृपा की प्रतिमूर्ति मानते हैं। इसे विशेष रूप से अनुष्ठान, त्योहारों और दैनिक प्रार्थनाओं के दौरान उनकी सुरक्षा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए जपा जाता है।