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ललिता अष्टोत्तर शतनामावली

॥ ललिता अष्टोत्तर शतनामावली ॥

१। ॐ रजताचल-शृङ्गाग्र-मध्यस्थायै नमः।
२। ॐ हिमाचल महावंश पावनायै नमः।
३। ॐ शङ्करार्धाङ्ग सौन्दर्य शरीirayै नमः।
४। ॐ लसन्मारकत-स्वच्छ-विग्रहायै नमः।
५। ॐ महातिशय-सौन्दर्य-लावण्यायै नमः।
६। ॐ शशांक-शेखर-प्राणवल्लभायै नमः।
७। ॐ सदा पञ्चदशात्मैक्य स्वरूपायै नमः।
८। ॐ वज्र-माणिक्य-कटक-किरीटायै नमः।
९। ॐ कस्तूरी तिलकोल्लास नितिलायै नमः।
१०। ॐ भस्म रेखांकित लसन्मस्तकायै नमः।
११। ॐ विकचाम्भोरुह दल लोचनायै नमः।
१२। ॐ सरच्चम्पेय पुष्पाभ नासिकायै नमः।
१३। ॐ लसत्कांचन ताटङ्क युगलायै नमः।
१४। ॐ मणि-दर्पण संकास कपोलायै नमः।
१५। ॐ ताम्बूल-पुरित स्मेर-वदनायै नमः।
१६। ॐ सुपक्व दाडिमबीज वदनायै नमः।
१७। ॐ कंम्पुग समच्छाय कन्धरायै नमः।
१८। ॐ स्थूल-मुक्ताफलोधर शुभरायै नमः।
१९। ॐ गिरीशबद्ध-मङ्गल्य-मङ्गलायै नमः।
२०। ॐ पद्म-पासाङ्कुश-लसत्कराभ्यायै नमः।
२१। ॐ पद्मकैऱव-मन्दार-सुमालिन्यै नमः।
२२। ॐ सुवर्ण-कुम्भ-युग्माभ-सुकुचान्यै नमः।
२३। ॐ रमणीय-चतुर्भुज-संयुक्तायै नमः।
२४। ॐ कणकाङ्गद-केयूर-भूषितायै नमः।
२५। ॐ बृहत्त्सौवर्ण-सौन्दर्य-वसनायै नमः।
२६। ॐ बृहन्नितम्ब-विलासज्ञ-घनायै नमः।
२७। ॐ सौभाग्यजात-शृङ्गार-मध्यमायै नमः।
२८। ॐ दिव्य-भूषण-सन्दोह-रञ्जितायै नमः।
२९। ॐ पारिजात-गुणाधिक्य-पदाब्जायै नमः।
३०। ॐ सूपद्मराग-संकास-चरणायै नमः।
३१। ॐ कामकोटि-महापद्म-पीठस्थायै नमः।
३२। ॐ श्रीकान्त-नेत्र-कुमुद-चन्द्रिकायै नमः।
३३। ॐ सचामर-रमा-वाणी-वीजितायै नमः।
३४। ॐ भक्तरक्षिणि-दाक्षिण्य-कटाक्षायै नमः।
३५। ॐ भूतश-लिङ्ग-नोद्भूत-पुलकाङ्ग्यै नमः।
३६। ॐ अनंगजनका-पाङ्ग-वीक्षणायै नमः।
३७। ॐ ब्रह्मेन्द्र-मौलि-रत्न-रञ्जितायै नमः।
३८। ॐ सचीमुख्य-मरवधु-सेवितायै नमः।
३९। ॐ लीलाकल्पित-ब्रह्माण्ड-मण्डलायै नमः।
४०। ॐ अमृतादि-महाशक्तिसंवृत्तायै नमः।
४१। ॐ एकतपत्र-साम्राज्य-दायिकायै नमः।
४२। ॐ सनकादि-समाराध्य-पादुकायै नमः।
४३। ॐ देवर्षिः-स्तुयमान-वैभवायै नमः।
४४। ॐ काल्सोद्भव- दुर्वासा-पूजितायै नमः।
४५। ॐ मत्तेभवक्त्र-षड्वक्त्र-वात्सल्या नमः।
४६। ॐ चक्रराज-महायंत्र-मध्यवर्त्यै नमः।
४७। ॐ चिदग्निकुण्ड-सम्भूत-सुदेहायै नमः।
४८। ॐ शशाङ्ख-खण्ड-सम्युक्त-मकुटायै नमः।
४९। ॐ मत्त-हंस-वधु-मण्ड-गमनायै नमः।
५०। ॐ वन्दारु-जन-सन्दोह-वन्दितायै नमः।
५१। ॐ अन्तरमुख-जनानन्द-सम्युक्तायै नमः।
५२। ॐ पतिव्रता-अङ्गना-अभिष्ट-फलदायै नमः।
५३। ॐ अव्याज-करुणापूर-पूरितायै नमः।
५४। ॐ नितान्त-सच्चिदानन्द-सम्युक्तायै नमः।
५५। ॐ सहस्रसूर्य-सम्युक्त-प्रकाशायै नमः।
५६। ॐ रत्न-चिन्तामणि-गृह-मध्यस्थायै नमः।
५७। ॐ हानिवृद्धि-गुणाधिक्य-रहितायै नमः।
५८। ॐ महापद्म-तवी-मद्य-निवासायै नमः।
५९। ॐ जाग्रत-स्वप्न-सुषुप्ति-नाम-साक्षिभूतायै नमः।
६०। ॐ महापापौघ-पापनां-विनाशिन्यै नमः।
६१। ॐ दुष्टभीति-महाभीति-भञ्जनायै नमः।
६२। ॐ समस्त-देव-दानुज-प्रेरकायै नमः।
६३। ॐ समस्त-हृदयं भो-जन-निलयायै नमः।
६४। ॐ अनाहत-महापद्म-मन्दिरायै नमः।
६५। ॐ सहस्रार-सरोजस्थ-वासितायै नमः।
६६। ॐ पुनरावृत्तिहीन-पुरस्थायै नमः।
६७। ॐ वाणी-गायत्री-सावित्री-सन्नुतायै नमः।
६८। ॐ रमा-भूमिसुता-राध्या-पादाब्जायै नमः।
६९। ॐ लोपामुद्रार्चिता-श्रीमच्चरणायै नमः।
७०। ॐ सहस्रारति-सौन्दर्य-शरीरायै नमः।
७१। ॐ भावनामात्र-सन्तुष्ट-हृदयायै नमः।
७२। ॐ सत्य-सम्पूर्ण-विज्ञान-सिद्धिदायै नमः।
७३। ॐ त्रिलोचन-कृतोल्लास-फलदायै नमः।
७४। ॐ श्रीसुधाब्धि-मणिद्वीप-मध्यगायै नमः।
७५। ॐ दक्षद्वार-विनिर्भेद-साधनायै नमः।
७६। ॐ श्रीनाथ-सोदरी-भूत-शोभितायै नमः।
७७। ॐ चन्द्रशेखर-भक्तार्ति-भञ्जनायै नमः।
७८। ॐ सर्वोपाधि-विनिर्मुक्त-चैतन्यायै नमः।
७९। ॐ नामपरायणाभिष्ट-फलदायै नमः।
८०। ॐ सृष्टि-स्थिति-तिरोधन-संकल्पायै नमः।
८१। ॐ श्रीषोडशाक्षरी-मंत्र-मध्यगायै नमः।
८२। ॐ अनाद्यन्त-स्वयम्भूत-दिव्यमूर्त्यै नमः।
८३। ॐ भक्त-हंस-प्रीमुख्य-वियोगायै नमः।
८४। ॐ मातृमण्डल-सम्युक्त-ललितायै नमः।
८५। ॐ भण्ड-दैत्य-महासत्त्व-नाशिन्यै नमः।
८६। ॐ क्रूर-भण्ड-शिरच्छेद-निपुणायै नमः।
८७। ॐ दातार्च्युत-सुराधीश-सुखदायै नमः।
८८। ॐ चण्ड-मुण्ड-निशुम्भादि-खण्डनायै नमः।
८९। ॐ रक्ताक्ष-रक्तजिह्वादि-शिक्षिण्यै नमः।
९०। ॐ महिषासुर-दुर्बीर्य-निग्रहायै नमः।
९१। ॐ अब्रकेश-महोत्साह-कारकायै नमः।
९२। ॐ महेश-युक्त-नटन-तत्परायै नमः।
९३। ॐ निज-भार्तृ-मुखाम्भोज-चिन्तनायै नमः।
९४। ॐ वृषभध्वज-विज्ञान-भवनायै नमः।
९५। ॐ जन्म-मृत्यु-जरा-रोग-भञ्जनायै नमः।
९६। ॐ विदेहमुक्ति-विज्ञान-सिद्धिदायै नमः।
९७। ॐ काम-क्रोधादि-षड्वर्ग-नाशिन्यै नमः।
९८। ॐ राजराजार्चित-पद-सदोजायै नमः।
९९। ॐ सर्ववेदान्त-संशिद्ध-सुतत्त्वायै नमः।
१००। ॐ वीरभक्त-विज्ञान-निधानायै नमः।
१०१। ॐ अशेष-दुष्ट-दानुज-सूदनायै नमः।
१०२। ॐ साक्षात্ श्रीदक्षिणामूर्ति-मनोग्नायै नमः।
१०३। ॐ हयमेधाग्र-सम्पूज्य-महिमायै नमः।
१०४। ॐ दक्ष-प्रजापति-सुता-वेध्यायै नमः।
१०५। ॐ सुमबनेक्शु-कोदण्ड-मण्डितायै नमः।
१०६। ॐ नित्य-यौवन-माङ्गल्य-मङ्गलायै नमः।
१०७। ॐ महादेव-समायुक्त-शरीरायै नमः।
१०८। ॐ महादेव-रतिउत्सुक्य-महादेव्या नमः।

॥ ललिता अष्टोत्तर शतनामावली सम्पूर्ण ॥

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