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गंगा अष्टोत्तर शतनामावली - 108 नाम

॥ गंगास्तोत्तर शतनामावली ॥

ॐ गमग्यै नमः।
ॐ विष्णुपदसंबुत्यै नमः।
ॐ हरवल्लभ्यै नमः।
ॐ हिमाचलेन्द्रतनय्यै नमः।
ॐ गिरिमण्डलागमिन्यै नमः।
ॐ तारकरतिजनन्यै नमः।
ॐ सगरतमजातरक्यै नमः।
ॐ सरस्वतीसमयुक्त्यै नमः।
ॐ सुघोष्यै नमः।
ॐ सिन्धुगमिन्यै नमः॥ 10॥

ॐ भागीरत्यै नमः।
ॐ भाग्यवत्यै नमः।
ॐ भागीरतरथानुग्यै नमः।
ॐ त्रिविक्रमपदोद्भुत्यै नमः।
ॐ त्रिलोकपथगमिन्यै नमः।
ॐ क्षीरसुभ्र्यै नमः।
ॐ बहुक्षीर्यै नमः।
ॐ क्षीरवृक्षसमकुल्यै नमः।
ॐ त्रिलोचनजातवास्यै नमः।
ॐ ऋणत्रयविमोचिन्यै नमः॥ 20॥

ॐ त्रिपुररिसिरःचूड्यै नमः।
ॐ जह्नव्यै नमः।
ॐ नरकभीतीर्हर्ते नमः।
ॐ अव्यय्यै नमः।
ॐ नयनानन्ददायिन्यै नमः।
ॐ नागपुत्रिक्यै नमः।
ॐ निरञ्जन्यै नमः।
ॐ नित्यसुद्ध्यै नमः।
ॐ नीरजलपरिष्कृत्यै नमः।
ॐ सवित्र्यै नमः॥ 30॥

ॐ सलिलवास्यै नमः।
ॐ सगरम्बुसमेधिन्यै नमः।
ॐ रम्यै नमः।
ॐ बिंदुसरसे नमः।
ॐ अव्यक्त्यै नमः।
ॐ अव्यक्तरूपधर्ते नमः।
ॐ उमासपत्नी नमः।
ॐ शुभ्रांग्यै नमः।
ॐ श्रीमत्यै नमः।
ॐ धवलाम्बर्यै नमः॥ 40॥

ॐ अखण्डलवनवास्यै नमः।
ॐ कामथेंदुकृतशेखर्यै नमः।
ॐ अमृतकरसलिल्यै नमः।
ॐ लीलालिङ्गितपर्वत्यै नमः।
ॐ विरिण्चिकलसवास्यै नमः।
ॐ त्रिवेण्यै नमः।
ॐ त्रिगुणात्मक्यै नमः।
ॐ समगता घौघसामण्यै नमः।
ॐ भीतिहर्त्रे नमः।
ॐ संखदुम्दुभिनिस्वन्यै नमः॥ 50॥

ॐ भाग्यदायिन्यै नमः।
ॐ नन्दिन्यै नमः।
ॐ शीघ्रग्यै नमः।
ॐ सरण्यै नमः।
ॐ शशिसेकर्यै नमः।
ॐ संकार्यै नमः।
ॐ सफरीपूर्ण्यै नमः।
ॐ भार्गमूर्धाकृतालयै नमः।
ॐ भवप्रियै नमः॥ 60॥

ॐ सत्यान्दप्रियै नमः।
ॐ हंसस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ भागीरतभृत्यै नमः।
ॐ अनन्ताय नमः।
ॐ सरच्चन्द्रनिभानन्यै नमः।
ॐ ओंकाररूपिण्यै नमः।
ॐ अनलाय नमः।
ॐ क्रीडाकल्लोलकारिण्यै नमः।
ॐ स्वर्गसोपानसरण्यै नमः।
ॐ सर्वदेवस्वरूपिण्यै नमः॥ 70॥

ॐ अम्भप्रदायै नमः।
ॐ दुःखहन्त्र्यै नमः।
ॐ संतानकरिण्यै नमः।
ॐ दरिद्र्यानाशन्यै नमः।
ॐ शिवदायै नमः।
ॐ संसारविसंसीन्यै नमः।
ॐ प्रयागनिलय्यै नमः।
ॐ श्रीदायै नमः।
ॐ तापत्रयविमोचिन्यै नमः।
ॐ शरणगतदीनर्तपरित्राण्यै नमः॥ 80॥

ॐ सुमुक्तदायै नमः।
ॐ पापहन्त्र्यै नमः।
ॐ पवनाङ्ग्यै नमः।
ॐ परब्रह्मस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ पूर्ण्यै नमः।
ॐ पुरातन्यै नमः।
ॐ पुण्यै नमः।
ॐ पुण्यदायै नमः।
ॐ पुण्यवाहिन्यै नमः।
ॐ पुलोमजर्जित्यै नमः॥ 90॥

ॐ भूदायै नमः।
ॐ पुत्रत्रिभुवन्यै नमः।
ॐ जयाय नमः।
ॐ जङ्गम्यै नमः।
ॐ जङ्गमधर्यै नमः।
ॐ जलरूपाय नमः।
ॐ जगद्धात्र्यै नमः।
ॐ जगद्भूत्यै नमः।
ॐ जनार्चित्यै नमः।
ॐ जाह्नुपुत्र्यै नमः॥ 100॥

ॐ जगन्मात्रे नमः।
ॐ जम्बुध्वीपविहारिण्यै नमः।
ॐ भवपत्नी नमः।
ॐ भीष्ममात्रे नमः।
ॐ सिक्ताय नमः।
ॐ रम्यारूपधर्ते नमः।
ॐ उमासहोदऱ्यै नमः।
ॐ अज्ञानतिमिरपाहर्ते नमः॥ 108॥

॥ॐ तत्सत्॥

॥श्री गंगास्तोत्तर शतनामावली सम्पूर्ण॥

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