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स्वस्ति प्रजाभ्यः परिपालयन्ताम् मन्त्र

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स्वस्ति प्रजाभ्यः परिपालयन्ताम्
न्यायेन मार्गेण महीम् महेषः ।
गौब्राह्मणेभ्यः शुभं अस्तु तित्यं
लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु ॥
ॐ शान्ति शान्ति शान्ति।

स्वस्ति प्रजाभ्यः परिपालयन्ताम् मन्त्र के बारे में

स्वस्ति प्रजाभ्यः परिपालयंतां एक पवित्र संस्कृत मंत्र है जो लोगों और शासकों की कल्याण और समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगता है। यह न्यायपूर्ण शासन, गायों और ब्राह्मणों की भलाई, सार्वभौमिक सुख-शांति, उचित समय पर वर्षा, प्रचुर फसल और संकटमुक्ति की प्रार्थना करता है।

अर्थ

इस मंत्र का अर्थ है: शासक न्याय के साथ प्रजा की रक्षा करें; गायों और ब्राह्मणों को सदा भलाई प्राप्त हो; सभी लोग सुखी हों; वर्षा समय पर हो; पृथ्वी प्रचुर फसल से उपजाऊ हो; देश संकटमुक्त हो; ब्राह्मण निडर हों।

लाभ

  • शांति और समृद्धि के लिए आशीर्वाद लाता है
  • न्यायपूर्ण और नैतिक शासन को बढ़ावा देता है
  • पशुधन और विद्वान समुदाय का कल्याण सुनिश्चित करता है
  • सार्वभौमिक सुख-समृद्धि देता है
  • आपदाओं और संकट से रक्षा करता है

महत्व

धार्मिक अनुष्ठानों और समारोहों के बाद व्यापक रूप से जपा जाने वाला यह मंत्र सार्वभौमिक कल्याण और समरसता के लिए एक प्रार्थना के रूप में कार्य करता है। माना जाता है कि यह शांति, सामाजिक व्यवस्था, और आध्यात्मिक विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाता है।

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