सूर्य गायत्री मन्त्र
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ॐ आदित्याय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात् ||
सूर्य गायत्री मन्त्र के बारे में
सूर्य गायत्री मंत्र भगवान सूर्य को समर्पित एक पवित्र वैदिक मंत्र है, जिन्हें जीवन, ऊर्जा और स्वास्थ्य का स्रोत माना जाता है। यह मंत्र नकारात्मक प्रभावों को दूर करने, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने, और स्पष्टता, आत्मविश्वास और आध्यात्मिक विकास लाने के लिए माना जाता है।
अर्थ
ॐ भास्कराय विद्महे महाद्युतिकराय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्। इसका अर्थ है भगवान सूर्य का ध्यान करना, जो प्रकाशमय हैं और ब्रह्मांड में अन्धकार को दूर करते हैं, और उनकी दिव्य प्रेरणा और मार्गदर्शन प्राप्त करना।
लाभ
- जीवन शक्ति, स्वास्थ्य और दीर्घायु को बढ़ाता है
- मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता बढ़ाता है
- आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति को बढ़ावा देता है
- बाधाओं और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है
- हृदय रोग प्रणाली को मजबूत करता है
- दृष्टि और त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करता है
- आध्यात्मिक जागरूकता और सकारात्मकता को बढ़ावा देता है
महत्व
सूर्य गायत्री मंत्र का जाप सुबह सूर्योदय के समय करना सबसे प्रभावी माना जाता है ताकि सूर्य की ऊर्जा के साथ संरेखण स्थापित हो सके। इसे दैनिक प्रार्थना और आध्यात्मिक साधनाओं में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है ताकि मन और शरीर के अंधकार को दूर किया जा सके और स्वास्थ्य, समृद्धि और आध्यात्मिक विकास को आमंत्रित किया जा सके।