शिव आह्वान मन्त्र
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ॐ मृत्युञ्जय परेषाण जगदाभयनाशन
तव ध्यानेन देवे म्रित्युप्राप्नोति जीवति
वन्दे ईशान देवाय नमस्तस्मै पिनाकिने
आदिमध्यान्त रूपाय मृत्युनाशम करोतु मे
नमस्तस्मै भगवते कैलाशचल वासिने
नमो ब्रह्मेन्द्र रूपाय मृत्युनाशम करोतु मे
त्रयम्बकाय नमस्तुभ्यम् पंचस्याय नमो नमः
नमो दॉर्डण्डचापाय मम मृत्युं विनाशय
नमोध्देन्दु स्वरूपाय नमो दिग्वसनाय च
नमो भक्तार्ति हन्त्रे च मम मृत्युं विनाशय
देवं मृत्यु विनाशनं भयहरं साम्राज्य मुक्ति प्रदम्
नाना भूतगणान्वितं दिवि पदैः देवैः सदा सेवितम्
अज्ञानान्धकनाशनं शुभकरं विद्याशु सुखप्रदम्
सर्व सर्वपति महेश्वर हरं मृत्युंजय भावये
शिव आह्वान मन्त्र के बारे में
शिव आह्वान मंत्र पूजा या आध्यात्मिक अनुष्ठानों के दौरान भगवान शिव की उपस्थिति और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए जपने वाला पवित्र मंत्र है। यह शिव के विभिन्न दैवीय रूपों और शक्तियों का सम्मान करता है, सुरक्षा, बाधाओं की समाप्ति, निर्भीकता, शांति और आध्यात्मिक मुक्ति के लिए प्रार्थना करता है।
अर्थ
मंत्र में शिव को मृत्यु के विजेता, भय और बाधाओं को दूर करने वाले और कैलाश पर्वत पर निवास करने वाले सर्वोच्च दैवीय सत्ता के रूप में प्रणाम किया जाता है। इस मंत्र के जाप से भक्त को आंतरिक शक्ति और शांति मिलती है, शिव की कृपा प्राप्त होती है सुरक्षा और मुक्ति के लिए।
लाभ
- मृत्यु और बाधाओं के भय को दूर करता है
- नकारात्मक ऊर्जा और हानि से रक्षा करता है
- मानसिक शांति, आत्मविश्वास और निर्भीकता लाता है
- आध्यात्मिक मुक्ति और प्रबोधन को बढ़ावा देता है
- एकाग्रता, ज्ञान और भक्ति को बढ़ाता है
- स्वास्थ्य, समृद्धि और दीर्घायु के आशीर्वाद प्रदान करता है
महत्व
शिव आह्वान मंत्र को पारंपरिक रूप से शिव पूजा समारोहों की शुरुआत में जपा जाता है ताकि उनकी उपस्थिति और आशीर्वाद प्राप्त किया जा सके। यह भय और नकारात्मक प्रभावों को दूर करने में अत्यंत प्रभावी माना जाता है और भगवान शिव के साथ गहरे आध्यात्मिक संबंध को बढ़ावा देता है।