शांति मंत्र
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ॐ द्यौः शान्तिरन्तरिक्षँ शान्तिः,
पृथिवी शान्तिरापः शान्तिरोषधयः शान्तिः।
वनस्पतयः शान्तिर्विश्वेदेवाः शान्तिर्ब्रह्म शान्तिः,
सर्वँ शान्तिः शान्तिरेव शान्तिः स मा शान्तिरेधि॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॐ॥
शांति मंत्र के बारे में
शांति मंत्र हिंदू धर्म तथा अन्य धार्मिक परंपराओं में एक प्राचीन और पूज्य मंत्र है, जो मन, शरीर और आत्मा के लिए शांति की प्रार्थना करता है। इसे धार्मिक अनुष्ठानों और ध्यान के दौरान सर्वत्र शांति हेतु जपा जाता है।
अर्थ
यह मंत्र भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक तीनों स्तरों पर शांति की प्रार्थना करता है, ब्रह्मांड, पृथ्वी, जल, पौधों और समस्त जीवों के लिए सामंजस्य और शांति की कामना करता है।
लाभ
- गहरी विश्रांति और तनाव से मुक्ति प्रदान करता है
- मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है
- मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक शांति बढ़ाता है
- आध्यात्मिक जागरण और विश्वसामंजस्य को प्रोत्साहित करता है
महत्व
शांति मंत्र वैदिक और हिंदू अनुष्ठानों में शांति की सार्वभौमिक प्रार्थना के रूप में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह बाधाएं दूर करने, ध्यान के लिए मन को शान्त करने और आध्यात्मिक विकास व दैनिक जीवन में समरसता लाने हेतु पढ़ा जाता है।