शंख गायत्री मन्त्र
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ॐ पञ्च जन्याय विद्महे पद्म गर्भाय धीमहि तन्नो शंख प्रचोदयात्
शंख गायत्री मन्त्र के बारे में
शंख गायत्री मंत्र पवित्र पुनःपूजा में प्रयुक्त शंख की दिव्य शक्ति का आवाहन करता है। यह मंत्र मन को शुद्ध करने, नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा प्रदान करने और शुभता, शांति और आध्यात्मिक जागृति लाने के लिए समर्पित है।
अर्थ
मंत्र का अर्थ है: ॐ शंखाय विद्महे, स्वारिताय धीमहि, तन्नो शंखः प्रचोदयात्। यह पवित्र शंख पर ध्यान केंद्रित करते हुए इसकी आशीर्वाद से बुद्धि को प्रज्वलित करने और नकारात्मकता को शुद्ध करने की कामना करता है।
लाभ
- मानसिक और आध्यात्मिक आभा को शुद्ध करता है
- नकारात्मक प्रभावों और बुराइयों को दूर करता है
- शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य लाता है
- एकाग्रता और आध्यात्मिक विकास बढ़ाता है
- अनुष्ठान और पवित्र क्रियाओं के दौरान सुरक्षा प्रदान करता है
महत्व
शंख गायत्री मंत्र हिंदू पूजा समारोहों का अभिन्न हिस्सा है जहां शंख बजाकर दिव्यता की उपस्थिति की घोषणा की जाती है। इस मंत्र के जप से वातावरण की पवित्रता बढ़ती है, साथ ही शुद्धि और सुरक्षा के लिए दैवीय आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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