सर्व भयनाक रोग नाशक मंत्र
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उद्भूत-भीषण-जलोदर-भार-भुग्नाः,
शोच्यम् दश-मुपगताश्च्युत-जीविताशः ।
त्वत्पाद-पंकज-रजो-मृत-दीघ्द-देहाः,
मर्त्य भवन्ति मकर-ध्वज-तुल्य-रूपाः ॥
सर्व भयनाक रोग नाशक मंत्र के बारे में
सर्व भयानक रोग नाशक मंत्र एक शक्तिशाली उपचारात्मक मंत्र है जो सभी भयानक और घातक रोगों को नष्ट करने में सक्षम माना जाता है। इस मंत्र का जाप श्रद्धा के साथ किया जाता है ताकि गंभीर बीमारियों से मुक्ति मिल सके।
अर्थ
मंत्र में एक ऐसे व्यक्ति का वर्णन है जो भयानक बीमारियों के बोझ तले दबा है और जो देवी की कृपा से, जो कमल के पराग के समान है, सुंदर और आलोकित हो जाता है। यह करुणा व्यक्त करता है और उन रोगों के नाश की प्रार्थना करता है जो दुःख और निराशा का कारण बनते हैं।
लाभ
- भयानक और गंभीर रोगों को नष्ट करता है
- स्वास्थ्य लाभ और उपचार प्रदान करता है
- दुःख और पीड़ा कम करता है
- दैवीय सुरक्षा और कृपा प्राप्त होती है
महत्व
यह मंत्र उपचारात्मक प्रथाओं में अत्यंत पूज्य है, विशेषकर रोगों के निवारण के लिए पारंपरिक हिंदू और जैन विधियों में। श्रद्धा के साथ इसका जाप करना आध्यात्मिक उपचार ऊर्जा को सक्रिय करता है और चिकित्सा उपचारों के साथ सहायक होता है।