ॐ सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु मंत्र
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ॐ सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु ।
सर्वेषां शान्तिर्भवतु ।
सर्वेषां पूर्णं भवतु ।
सर्वेषां मङ्गलं भवतु ।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
ॐ सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु मंत्र के बारे में
ॐ सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु ब्रहदारण्यक उपनिषद का एक शांतिपूर्ण और शुभ मंत्र है जो सभी प्राणियों की कल्याण, शांति, पूर्णता और समृद्धि की प्रार्थना करता है। इसे व्यापक रूप से विश्व में समरसता और सुख की सार्वभौमिक प्रार्थना के रूप में जाप किया जाता है।
अर्थ
इस मंत्र का अर्थ है: सभी में कल्याण हो, सभी में शांति हो, सभी में पूर्णता हो, सभी में मंगल हो। सभी सुखी हों, सभी रोग-मुक्त हों, सभी भलाई देखें, कोई भी दुखी न हो। ॐ शांति शांति शांति।
लाभ
- सार्वभौमिक कल्याण और समरसता बढ़ाता है
- गहरी शांति और मानसिक शांति लाता है
- सभी प्राणियों के लिए सुख और स्वास्थ्य बढ़ाता है
- दुःख और पीड़ा से सुरक्षा करता है
महत्व
यह मंत्र धार्मिक अनुष्ठानों, प्रार्थनाओं और ध्यान सत्रों के अंत में व्यापक रूप से पढ़ा जाता है ताकि शांतिपूर्ण और शुभ वातावरण का सृजन हो सके। यह व्यक्ति के भीतर और व्यापक विश्व के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए आवश्यक माना जाता है।