ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः मंत्र
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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः।
सर्वे संतु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु।
मा कश्चिद्दुःख भाग्भवेत्॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः मंत्र के बारे में
ओम सर्वे भवन्तु सुखिनः संस्कृत का एक सार्वभौमिक शांति मंत्र है जो सभी जीवों के लिए खुशहाली, स्वास्थ्य और कल्याण की हार्दिक कामना व्यक्त करता है। यह अपने और विश्व में शांति, सद्भाव और करुणा को बढ़ावा देने के लिए सबसे व्यापक रूप से जपे जाने वाले प्रार्थनाओं में से एक है।
अर्थ
इस मंत्र का अर्थ है: सभी जीव सुखी हों; सभी रोगमुक्त रहें; सभी शुभ चीजें देखें; किसी को भी दुःख न हो। यह ओम शांति शांति शांति के तीन गुना शांति के आवाहन के साथ समाप्त होता है।
लाभ
- सार्वभौमिक करुणा और सहानुभूति को बढ़ावा देता है
- अंदर और आसपास शांति और सद्भाव उत्पन्न करता है
- तनाव, चिंता और नकारात्मक भावनाओं को कम करता है
- मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक संतुलन बढ़ाता है
- सकारात्मक और आशावादी मानसिकता को प्रोत्साहित करता है
महत्व
ओम सर्वे भवन्तु सुखिनः का जाप योग, ध्यान और प्रार्थना में व्यापक रूप से किया जाता है ताकि शांति और सार्वभौमिक कल्याण की भावना को विकसित किया जा सके। यह प्राचीन भारतीय दर्शन वसुधैव कुटुम्बकम — 'दुनिया एक परिवार है' — को प्रतिबिंबित करता है।