नंदी गायत्री मन्त्र
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ॐ तत्पुरुषाय विद्महे चक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो नंदीः प्रचोदयात्
नंदी गायत्री मन्त्र के बारे में
नंदी गायत्री मंत्र भगवान नंदी को समर्पित एक पवित्र मंत्र है, जो भगवान शिव के वाहन और अनन्य भक्त हैं। नंदी को शक्ति, भक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान के रक्षक के रूप में पूजा जाता है। इस मंत्र के जाप से नंदी की कृपा प्राप्त होती है, जो मानसिक शक्ति, बुद्धि, सुरक्षा और बाधाओं व नकारात्मकता को दूर करने में सहायक होती है।
अर्थ
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे नन्दिकेश्वराय धीमहि तन्नो वृषभरु प्रचोदयात्। इसका अर्थ है कि हम तत्पुरुष (परम सत्ता) का ध्यान करते हैं, जो नन्दिकेश्वर (नंदी के स्वामी) के रूप में प्रकट हैं, और उनके मार्गदर्शन एवं दिव्य प्रेरणा की कामना करते हैं ताकि बुद्धि प्रकाशित हो सके।
लाभ
- मानसिक शक्ति और बुद्धि को बढ़ाता है
- जीवन से बाधाओं और नकारात्मकताओं को दूर करता है
- सुरक्षा और आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करता है
- शांति, समृद्धि और खुशी लाता है
- एकाग्रता, स्पष्टता और आत्मविश्वास बढ़ाता है
- भगवान शिव प्रति भक्ति को मजबूत करता है
महत्व
नंदी गायत्री मंत्र सोमवार के दिन विशेष रूप से जपा जाता है, जो भगवान शिव और नंदी को समर्पित होता है। माना जाता है कि यह भगवान शिव की कृपा नंदी के माध्यम से प्राप्त करता है, जो आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देता है और शारीरिक तथा मानसिक दुखों को दूर करता है। यह मंत्र शिव पूजा का एक अनिवार्य हिस्सा है और भक्त के चारों ओर एक शक्तिशाली सुरक्षा आवरण बनाता है।