नम त्रय अस्त्र मंत्र
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अच्युत अनंत गोविन्द ।
ॐ अच्युताय नमः ॥
ॐ अनन्ताय नमः ॥
ॐ गोविन्दाय नमः ॥
नम त्रय अस्त्र मंत्र के बारे में
नाम त्रय अस्त्र मंत्र एक शक्तिशाली प्राचीन संस्कृत मंत्र है जो भगवान विष्णु के तीन नामों का आवाहन करता है: ॐ अच्युताय नमः, ॐ अनंताय नमः, और ॐ गोविंदाय नमः। इसे सभी नकारात्मक शक्तियों, रोगों और दुर्भाग्यों के खिलाफ एक दैवीय अस्त्र माना जाता है।
अर्थ
इस मंत्र का अर्थ है: अच्युत (अक्षय), अनंत (असীম), और गोविंद (रक्षक) को प्रणाम। इस मंत्र के जप से भगवान विष्णु की सुरक्षा और चिकित्सा शक्तियों का आवाहन होता है, जो नकारात्मकता को दूर करता है और कल्याण बढ़ाता है।
लाभ
- सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा और बुरी ताकतों से सुरक्षा करता है
- शारीरिक और मानसिक रोगों का उपचार करता है
- बाधाएं, गरीबी और दुर्भाग्यों को दूर करता है
- शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक शक्ति लाता है
महत्व
यह मंत्र भक्तों द्वारा सुरक्षा, उपचार और समृद्धि के लिए व्यापक रूप से जाप किया जाता है। अग्नि पुराण के अनुसार, नाम त्रय अस्त्र एक दैवीय अस्त्र है जिसका भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान विषाक्त प्रभावों को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया था। इसे नियमित रूप से भक्ति और एकाग्रता के साथ जपने की सलाह दी जाती है।