माँ सीता गायत्री मन्त्र
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ॐ जनकनंदिन्यै विद्महे भूमिजायै धीमहि तन्नो सीता प्रचोदयात्
माँ सीता गायत्री मन्त्र के बारे में
माँ सीता गायत्री मंत्र भगवान राम की दैवीय जीवन साथी और सद्गुण, शक्ति तथा भक्ति की मूर्ति देवी सीता को समर्पित भक्ति मंत्र है। यह मंत्र अंदरूनी शक्ति, पवित्रता, सद्भाव और जीवन के संघर्षों को पार करने की शक्ति के लिए उनकी कृपा की प्रार्थना करता है।
अर्थ
मंत्र का अर्थ है: ॐ जनक नंदिनि विद्महे, भूमि जय धीमहि, तन्नो सीता प्रचोदयात्। इसका अनुवाद है कि हम पृथ्वी के विजेता राजा जनक की पुत्री का ध्यान करते हैं और उनकी दिव्य प्रेरणा और मार्गदर्शन प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं।
लाभ
- अंदरूनी शक्ति और भावनात्मक संतुलन लाता है
- हृदय और मन की शुद्धता बढ़ाता है
- भक्ति, समर्पण और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देता है
- संबंधों में सद्भाव और शांति बढ़ाता है
- कठिनाइयों और विपत्तियों को सहनशीलता के साथ पार करने में मदद करता है
महत्व
माँ सीता गायत्री मंत्र का जाप विशेष रूप से परिवार की भलाई, विवाह और सद्भावपूर्ण संबंध बनाए रखने की प्रार्थनाओं के दौरान लाभकारी माना जाता है। यह भक्तों को देवी सीता के गुणों को आत्मसात करने और उनकी रक्षात्मक कृपा प्राप्त करने में सहायता करता है।