कर्पूरगौरं करुणावतारं मंत्र
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कर्पूरगौरं करुणावतारम्,
संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदावसन्तं हृदयारविन्दे,
भवं भवानीसहितं नमामि॥
कर्पूरगौरं करुणावतारं मंत्र के बारे में
कर्पूर गौरम करुणावतारम भगवान शिव को समर्पित एक पूज्य मंत्र है, जो उनके कपूर की तरह शुद्ध और करुणामय स्वरूप का वर्णन करता है। यह प्राचीन संस्कृत श्लोक शिव के दिव्य गुणों की प्रशंसा करता है जो ब्रह्मांड के सार और नकारात्मकता से रक्षक हैं।
अर्थ
मंत्र भगवान शिव के कपूर के समान शुद्ध स्वरूप, करुणामय अवतार, संसार के सार के रूप और नागों की माला धारण करने वाले के रूप में उनकी भूमिका का सम्मान करता है। यह उनके और माता भवानी के हृदय के कमल में सदैव निवास करने का भी उल्लेख करता है।
लाभ
- नकारात्मकता, खतरे और शत्रुओं से रक्षा करता है
- एकाग्रता और मानसिक स्पष्टता बढ़ाता है
- भक्तों को जीवन की चुनौतियों का सामना करने की शक्ति देता है
- सफलता, समृद्धि और आंतरिक समरसता प्रदान करता है
महत्व
कर्पूर गौरम करुणावतारम मंत्र शिव पूजा और शुभ अवसरों पर किया जाने वाला एक शक्तिशाली मंत्र है। माना जाता है कि यह भक्तों की रक्षा करता है, ऊर्जा को शुद्ध करता है और उन्हें भगवान शिव की करुणामय और रक्षात्मक ऊर्जा से आध्यात्मिक रूप से जोड़ता है।