काक चेष्टा विद्यर्थी के पंच
ऑडियो सुनने के लिए चलाएँ
काक चेष्टा, बको ध्यानम्,
स्वान निन्द्रा तथा एवैव ।
अल्पाहारी, गृहत्यागी,
विद्यार्थी पंच लक्षणम् ॥
काक चेष्टा विद्यर्थी के पंच के बारे में
काक चेष्टा विद्यार्थी के पंच एक संस्कृत श्लोक है जो आदर्श विद्यार्थी के पांच आवश्यक गुणों का वर्णन करता है, जिसमें पशु और प्रकृति के उदाहरणों द्वारा परिश्रम, एकाग्रता, अनुशासन और जीवन शैली को दर्शाया गया है।
अर्थ
इस श्लोक में कहा गया है कि एक आदर्श विद्यार्थी में ये पाँच गुण होने चाहिए: 1) काक चेष्टा - कौवे के समान लगातार प्रयास, 2) बको ध्यान - बगुले की तरह गहरा ध्यान, 3) श्वान निद्रा - कुत्ते जैसी हल्की नींद, 4) अल्पाहारी - संयमित भोजन, और 5) गृहत्यागी - अध्ययन के लिए घर के आराम को त्यागने वाला।
लाभ
- धैर्य और कड़ी मेहनत को प्रोत्साहित करता है
- एकाग्र और अनुशासित अध्ययन की आदतें बढ़ाता है
- शारीरिक और मानसिक सतर्कता सुनिश्चित करता है
- समर्पित और त्यागपरायण दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है
महत्व
यह श्लोक भारत में विद्यार्थियों को सफल होने के लिए विकसित करने योग्य गुणों के मार्गदर्शन के रूप में अक्सर जपा और सिखाया जाता है।
भाषा बदलें: