धन्वंतरि गायत्री मन्त्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे अमृत कलश हस्ताय धीमहि तन्नो धन्वंतरि प्रचोदयात्
ॐ वासुदेवाय विद्महे वैद्य राजाय धीमहि तन्नो धन्वंतरि प्रचोदयात्
ॐ अमृत हस्ताय विद्महे आरोग्य अनुग्रहाय धीमहि तन्नो धन्वंतरि प्रचोदयात्
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ॐ तत्पुरुषाय विद्महे अमृत कलश हस्ताय धीमहि तन्नो धन्वंतरि प्रचोदयात्
ॐ वासुदेवाय विद्महे वैद्य राजाय धीमहि तन्नो धन्वंतरि प्रचोदयात्
ॐ अमृत हस्ताय विद्महे आरोग्य अनुग्रहाय धीमहि तन्नो धन्वंतरि प्रचोदयात्