दीप प्रज्वलन दर्शन मंत्र
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शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदः
शत्रु बुद्धि विनाशाय दीप ज्योति नमोस्तुते
दीपज्योति परब्रह्म दीपज्योति जनार्दन
दीपो मे हरतु पापं संध्यादीपा नमोस्तुते
दीप प्रज्वलन दर्शन मंत्र के बारे में
दीप प्रज्वलन दर्शन मंत्र एक पवित्र मंत्र है जो हिन्दू अनुष्ठानों में दीप जलाते समय जपा जाता है। दीपक अज्ञान के अंधकार को दूर करने और शुभता, स्वास्थ्य, धन-संपदा तथा नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा का प्रतीक है।
अर्थ
मंत्र शुभता, कल्याण, आरोग्य और धन-संपदा के लिए प्रार्थना करता है। यह दुष्ट और शत्रुओं की बुद्धि के नाश की कामना करता है, दिव्य दीपक को परम ब्रह्म रूप में स्तुति करता है और सभी पापों के नाश की प्रार्थना करता है। यह आग्रह है कि दीप का प्रकाश वातावरण को शुद्ध करे और शांति लाए।
लाभ
- शुभता और स्वास्थ्य प्रदान करता है
- पर्यावरण और मन को शुद्ध करता है
- नकारात्मक ऊर्जा और शत्रुओं से रक्षा करता है
- आध्यात्मिक विकास और आंतरिक शांति बढ़ाता है
महत्व
इस मंत्र के साथ दीप प्रज्वलन अंधकार को दूर करने और दैवीय आशीर्वाद प्राप्त करने की एक प्राचीन परंपरा है। यह दैनिक पूजा और विशेष अनुष्ठानों में पवित्र वातावरण बनाने के लिए किया जाता है, जो ध्यान और प्रार्थना के लिए अनुकूल होता है।