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ब्रह्मा गायत्री मन्त्र

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ॐ वेदात्मने विद्महे हिरण्यगर्भाय धीमहि तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात्

ॐ चतुर्मुखाय विद्महे कमण्डलु धाराय धीमहि तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात्

ॐ परमेश्वराय विद्महे पारतत्त्वाय धीमहि तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात्

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे चतुर्मुखाय धीमहि तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात्

ब्रह्मा गायत्री मन्त्र के बारे में

ब्रह्मा गायत्री मंत्र भगवान ब्रह्मा को समर्पित है, जो हिंदू धर्म में ब्रह्मांड के सृजनकर्ता हैं। यह मंत्र ज्ञान, मानसिक स्पष्टता, रचनात्मकता और उत्पादकता बढ़ाने में सहायता करता है। भगवान ब्रह्मा को सभी सृष्टि और ज्ञान का स्रोत माना जाता है, और उनका गायत्री मंत्र जपने से बुद्धि विकास और ज्ञान की प्राप्ति होती है।

अर्थ

ॐ परमेश्वराय विद्महे परतत्त्वाय धीमहि तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात्। इसका अर्थ है कि हम परमेश्वर भगवान ब्रह्मा का ध्यान करते हैं, जो आदिम सत्ता हैं, और उनकी दिव्य प्रेरणा एवं मार्गदर्शन पाने की प्रार्थना करते हैं।

लाभ

  • मानसिक स्पष्टता और बौद्धिक क्षमता बढ़ाता है
  • रचनात्मकता और नवोन्मेषी सोच को प्रोत्साहित करता है
  • उत्पादकता और सक्रिय भागीदारी बढ़ाता है
  • अज्ञानता को दूर करता है और समझ को गहरा करता है
  • आध्यात्मिक और विद्वत्तापूर्ण प्रयासों का समर्थन करता है
  • जटिल समस्याओं और निर्णयों को सुलझाने में मदद करता है

महत्व

ब्रह्मा गायत्री मंत्र का जाप छात्रों, विद्वानों और किसी भी व्यक्ति के लिए आवश्यक है जो बौद्धिक विकास और रचनात्मक प्रेरणा चाहता है। इसे ध्यान और अध्ययन सत्रों के दौरान पारंपरिक रूप से जपा जाता है ताकि भगवान ब्रह्मा की कृपा से ज्ञान और बुद्धि प्राप्त हो सके।

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