निखिल कवच
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शिरा सिद्धेश्वर पटु , ललाट्तम च परात्पर
नेत्रे निक्षिलेश्वरानन्द नासिके नारकान्तकः !! 1 !!
कर्णौ कालात्मकः पटु, मुखं मंन्त्रेश्वरस्थधा
कंण्डं रक्षतु वागीशः, भुजौ च भुवनेश्वरः !! 2 !!
स्कन्धौ कामेश्वरः पटु , हृदयं ब्रह्मवर्चसः
नाभिं नारायणो रक्षेत्, उरुं ऊर्जस्वलोऽपि वै !! 3 !!
जनुनी सचिदानन्दः पटु , पादौ शिवात्मकः
गुह्यम् लयात्मकः पायात्, चित्तं चिन्तापहरकः !! 4 !!
मदनेशः मनः पटु ,पृष्ठं पूर्ण प्रदायकः
पूर्वं रक्षतु तन्त्रेशः , यन्त्रेशः वरुणीम् तदः !! 5 !!
उत्तरं श्रीधरः रक्षेत् , दक्षिणं दक्षिणेश्वरः
पातालं पटु सर्वज्ञः , ऊर्ध्वं मे प्राणसंघ्यकः !! 6 !!
कवचेनावृत्तो यस्तु यत्र कुट्रापि गच्छति
तत्र सर्वत्र लाभः स्याद् , किम् चिदत्र न संशयः !! 7 !!
यम् यम् चिन्तयते कामं , तम् तम् प्राप्तोति निश्चितं
धन्वान् बलवान् लोके , जातयते समुप्सकः !! 8 !!
ग्रहभूतपिशाचाश्च यक्षगन्धर्वराक्षसाः
नश्यन्ति सर्वविघ्नानि दर्शनाथ् कवचावृत्तम् !! 9 !!
या एदं कवचं पुण्यं , प्रातः पठति नित्यशः
सिद्धाश्रम पतारूढा , ब्रह्मभावेण भूयते !! 10 !!
निखिल कवच के बारे में
निखिल कवच एक शक्तिशाली रक्षक स्तोत्र है जिसे परमहनस स्वामी निखिलेश्वरानंद ने रचा है। यह भक्त को नकारात्मक ग्रह प्रभावों, टोना-टोटका, बुरी आत्माओं और विभिन्न बाधाओं से सुरक्षा प्रदान करने वाला दिव्य कवच है। नियमित पाठ से आध्यात्मिक उन्नति, मानसिक शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।
अर्थ
यह कवच शरीर के प्रत्येक अंग और जीवन के विभिन्न पहलुओं की रक्षा करता है, जो नौ ग्रहों और नकारात्मक ब्रह्माण्डीय प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करता है। यह सभी बुराइयों से आध्यात्मिक सुरक्षा, पापों के नाश और सफलता, स्वास्थ्य एवं सुख के आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करता है। इसे विशेष रूप से सूर्योदय से पहले श्रद्धा सहित जाप किया जाता है।
लाभ
- नवग्रहों और बुरी शक्तियों से बाधाएं दूर करता है
- रोग, भय और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा करता है
- आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति लाता है
- समृद्धि, सौभाग्य और दिव्य कृपा प्रदान करता है
- संपूर्ण स्वास्थ्य, खुशी और सफलता में सहायक है
महत्व
निखिल कवच व्यापक रूप से सुरक्षा, ग्रह दोषों से मुक्ति और आध्यात्मिक विकास के लिए जाप किया जाता है। इसका पाठ गुरुजी की कृपा प्राप्त करने और सर्वोच्च आध्यात्मिक लक्ष्यों को प्राप्त करने का मार्ग माना जाता है।