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गोपाल अक्षय कवचम्

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श्री नारद उवाच

इन्द्रध्या अमर वर्गेषु ब्राह्मण यथ परमात्मबुतम्,
अक्षय कवचम् मन्नम कध्यस्व मम प्रभो।
यद्रुत्वा आकर्ण्य वीरस्तु त्रिलोक विजयee भवेद्।

ब्रह्मो उवाच

श्रुणु पुत्र मुनि श्रेष्ठ कवचम् परमाद्भुतम्।

इन्द्रधी देव वृन्दश्च नारायण मुखचात्म,
त्रिलोक विजयस्थास्य कवचस्य प्रजापति ,
ऋषि छन्दो देवता च सदा नारायण प्रभु ,
अस्य श्री त्रिलोक विजयक्ष्य कवचस्य प्रजापति ऋषि, अनुस्टुप छन्द , श्री नारायण परमात्मा देवता, धर्मार्थ काम मोक्षार्थे जपे विनियोग।

पदौ रक्षतु गोविन्दो ,
जंगे पथु जगत प्रभु

ओरू ध्वो केशव पथु , कटी दामोदर स्थधा,
वदनं श्री हरि पथु नदी देशं च मय आच्युत।

वाम पार्श्वं तथा विष्णुर , दक्षिणं च सुदर्शन,
बाहु मोल वसु देवो , हृदयम् च जनार्धन।

कन्दं पथियु वराहश्च , कृष्णश्च मुख मण्डलम्,
कर्णो मय माधव पथु , हृषीकेशस्च नासिके,
नेत्रे नारायण पथु लललाटं गरुड द्वजा,
कपोलं केशव पथु चक्रपानी सिरस्थधा।

प्रभाते माधव पथु , मध्याह्ने मधु सूधन,
दिनान्ते दैत्यनासनच , रात्रौ रक्षतु चन्द्रमा।

पूर्वस्यं पुंडरीकाक्षो, वायव्यं च जनार्धना,
इति ते खदितं वात्स सर्व मनThroughा विग्रहम्।

तव स्नेहनमय आख्यथां न वक्तव्यं तु कस्यचित,
कवचं धारयध्यासतु साधको दक्षिणे भूजे

देवा , मनुष्यां गन्धर्वा , यक्षाः स्तस्य न संमस्या,
योषिद वाम भूजे चैव , साधको दक्षिणे भूजे।

निभ्रूयथ कवचं पुण्यम सर्व सिद्धि युतो भवेत्,
कन्दे यो धारयेद्धत कवचं मच्छया रूपिनं

युधे जयमप्नोथि ध्युत्थे वधे च साधकं,
सर्वधा जयमप्नोथि , निश्चितं जन्म जन्मनि।

अपुत्रो लभते पुत्रं , रोगनासास्तथा भवेत् ,
सर्व ताप प्रमुक्तश्च , विष्णु लोकं स गच्छति

इति श्री ब्रह्म संहितायां श्री गोपालक्षय कवचं सम्पूर्णं।

गोपाल अक्षय कवचम् के बारे में

गोपाल अक्षय कवचं भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप गोपाल को समर्पित एक दुर्लभ और शक्तिशाली रक्षक स्तोत्र है। इसका उल्लेख नारद पंचरात्र और ब्रह्म संहिता में है, जो भक्तों और उनके परिवार की सभी प्रकार की दुर्घटनाओं, ग्रह दोषों, रोगों और बुरी शक्तियों से रक्षा करता है।

अर्थ

यह स्तोत्र गोपाल को जगत के सर्वज्ञ गुरु के रूप में प्रशंसा करता है, जिनकी स्मृति से भक्त सभी कष्टों से मुक्त होता है। यह शरीर के प्रत्येक अंग और परिवार के तत्वों की रक्षा, संतान, स्वास्थ्य और शांति में बाधाओं के निवारण और विजय, सुख और आध्यात्मिक उन्नति के लिए आशीर्वाद मांगता है।

लाभ

  • खतरों, ग्रह दोषों और रोगों से सुरक्षा करता है
  • संतान और वैवाहिक सुख की बाधाओं को दूर करता है
  • शांति, समृद्धि और मानसिक स्थिरता लाता है
  • सफलता, प्रेम और सौंदर्य के आशीर्वाद प्रदान करता है
  • मोक्ष और आध्यात्मिक परिपूर्णता की ओर ले जाता है

महत्व

गोपाल अक्षय कवच उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो संतान, पारिवारिक सुख, स्वास्थ्य और सामान्य कल्याण के लिए आशीर्वाद चाहते हैं। भक्त इसे श्रद्धा के साथ नियमित रूप से पढ़ते हैं ताकि भगवान कृष्ण की रक्षा और कृपा प्राप्त हो सके।

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