देवी चंडी कवचम्
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ॐ नमः चण्डिकायै
न्यासः
अस्य श्री चण्डी कवचस्य | ब्राह्मा ऋषिः | अनुस्तुप् छन्दः |चामुण्डा देवता | अंगन्यासोक्त मातरः बीजम् | नवावरणो मन्त्रशक्ति | दिग्बन्ध देवताः तत्त्वम् | श्री जगदम्बा प्रियार्थे सप्तशती पाठाङ्गतेन जपे विनियोगः ||
ॐ नमः चण्डिकायै
मार्कण्डेय उवाच |
ॐ यद्गुह्यम् परमं लोके सर्वरक्षाकरं नराणाम् |
यन्न कस्यचिताख्यातं तन्मे ब्रूहि पितामह || 1 ||
ब्रह्मोवाच |
अस्ति गुह्यतमं विप्र सर्वभूतोपकारकम् |
देव्यास्तु कवचं पुण्यम् तच्छृणुष्व महामुने || 2 ||
प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी |
तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम् || 3 ||
पञ्चमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च |
सप्तमं कालरात्रिति महागौरिति चाष्टमम् || 4 ||
नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रवकीर्तिता ||
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देवी चंडी कवचम् के बारे में
देवी चंडी कवचम् एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो दैवीय माता के क्रूर स्वरूप चंडी को समर्पित है जो नकारात्मकता का नाश करती हैं और भक्त की रक्षा करती हैं। यह कवचम आध्यात्मिक कवच के रूप में कार्य करता है, जो पाठक को बुरे प्रभावों और नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिए देवी का आशीर्वाद मांगता है।
अर्थ
इस कवचम में स्तोत्र हैं जो देवी चंडी के विभिन्न रूपों और नामों को उनके शरीर के अलग-अलग हिस्सों से जोड़ते हैं, जिनमें प्रत्येक के विशेष दैवीय गुण और सुरक्षा शक्ति होती है। इन मंत्रों का जाप नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा में बदलने, मानसिक शांति, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक सुरक्षा सुनिश्चित करने वाला माना जाता है।
लाभ
- आध्यात्मिक सुरक्षा और शांति प्रदान करता है
- नकारात्मक ऊर्जा और बुरे प्रभावों को समाप्त करता है
- साहस और मानसिक शक्ति बढ़ाता है
- स्वास्थ्य और दीर्घायु को बढ़ावा देता है
- समृद्धि, सफलता और दैवीय आशीर्वाद लाता है
महत्व
देवी चंडी कवचम विशेष रूप से नवरात्रि और दैवीय माता को समर्पित अन्य अवसरों पर जपा जाता है। इसे एक प्रभावशाली आध्यात्मिक कवच माना जाता है जो सभी प्रकार के नुकसान से सुरक्षा प्रदान करता है और पाठक के आध्यात्मिक कल्याण को बढ़ाता है।