वसंत पंचमी २०२६
तारीख़: 23 जनवरी २०२६
पूरी तारीख
23 जनवरी २०२६ सुबह २:२८ बजे – 24 जनवरी २०२६ सुबह १:४६ बजे
मुहूर्त समय भारत में
सरस्वती पूजा
ज्ञान और सफलता के लिए देवी सरस्वती को समर्पित प्रार्थनाएं और अर्पण।
23 जनवरी २०२६ सुबह ६:०० बजे – 23 जनवरी २०२६ दोपहर १२:०० बजे
परिचय
वसंत पंचमी देवी सरस्वती को समर्पित है, जो बुद्धि और सृजनशीलता का प्रतीक हैं, और वसंत ऋतु तथा शुभ आरंभ का सूचक है।
अन्य नाम
सरस्वती पूजा, बसंत पंचमी
पूजा विधि
- सरस्वती की मूर्ति या चित्र को साफ स्थान पर स्थापित करें।
- फूल, फल, मिठाई और पुस्तकें देवी को अर्पित करें।
- सरस्वती स्तोत्रों का जप करें और आरती करें।
- प्रसाद वितरित करें और ज्ञान के लिए आशीर्वाद लें।
अनुष्ठान
- सुबह सरस्वती पूजा में पीले फूल और मिठाई अर्पित करना।
- सरस्वती मंत्रों का जाप और प्रार्थना।
- जन्म और शिक्षा का प्रतीक पीला वस्त्र पहनना।
- कला और ज्ञान को बढ़ावा देने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करना।
क्षेत्रीय विशेषताएँ
- भारत में विशेष रूप से शैक्षणिक संस्थानों में व्यापक रूप से मनाया जाता है।
- ज्ञान, कला और शिक्षा के सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है।
- बसंत ऋतु और ज्ञान का प्रतीक पीले रंग की विशिष्ट थीम।
इतिहास
परंपरागत रूप से देवी सरस्वती के जन्मदिन के रूप में मनाया जाने वाला यह त्योहार शिक्षा, कला और ज्ञान के जागरण का प्रतीक है।
अतिरिक्त जानकारी
- छात्र और कलाकार देवी सरस्वती की पूजा करते हैं ज्ञान के लिए।
- यह दिन शिक्षा प्रारंभ के लिए शुभ माना जाता है।
- विभिन्न सामुदायिक कार्यक्रम कला और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देते हैं।
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