वराह जयंती २०२६
तारीख़: 13 सितंबर २०२६
पूरी तारीख
13 सितंबर २०२६ सुबह ७:०८ बजे – 14 सितंबर २०२६ सुबह ६:०० बजे
मुहूर्त समय भारत में
वराह जयंती पूजा
भगवान वराह के अवतार के लिए विशेष पूजा और उत्सव।
13 सितंबर २०२६ सुबह ७:०० बजे – 13 सितंबर २०२६ शाम ७:०० बजे
परिचय
वराह जयंती भगवान विष्णु के वराह अवतार को समर्पित है, जो अच्छाई की बुराई पर विजय और पृथ्वी के पुनर्स्थापन का प्रतीक है।
अन्य नाम
वराह जयंती, वराह अवतार जयंती
पूजा विधि
- सुबह जल्दी वराह मूर्ति का अभिषेक करें।
- पवित्र भजन पढ़ें और पूजा करें।
- दीप जलाएं और मंत्रों का जाप करें।
- भक्तों को प्रसाद वितरित करें।
अनुष्ठान
- मंदिरों में भगवान वराह की मूर्ति स्नान और सजावट।
- वराह स्तोत्र और अन्य भजनों का पाठ।
- फूल, फल और भोजन का नैवेद्य अर्पण।
- आरती और सामुदायिक भोज।
क्षेत्रीय विशेषताएँ
- दक्षिण और उत्तर भारत में महत्वपूर्ण त्योहार।
- संरक्षण, शक्ति और दिव्य हस्तक्षेप के विषय।
- भक्त स्वास्थ्य, समृद्धि और आध्यात्मिक विकास की कामना करते हैं।
इतिहास
यह त्योहार उस कथा का स्मरण है जिसमें भगवान विष्णु वराह के स्वरूप में दानव हिरण्याक्ष से पृथ्वी को बचाते हैं।
अतिरिक्त जानकारी
- वराह जयंती पृथ्वी और ब्रह्मांडीय व्यवस्था के संरक्षण पर बल देती है।
- त्योहार नैतिक मूल्यों और धर्मपरायण जीवनशैली को प्रोत्साहित करता है।
- मंदिर विशेष प्रार्थना, प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
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