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वामन जयंती २०२६

तारीख़: 23 सितंबर २०२६

पूरी तारीख

22 सितंबर २०२६ सुबह ९:४३ बजे 23 सितंबर २०२६ दोपहर १२:०० बजे

मुहूर्त समय भारत में

  • वामन जयंती पूजा

    भक्त विशेष पूजा के लिए एकत्रित होते हैं और वामन अवतार उत्सव में भाग लेते हैं।

    22 सितंबर २०२६ सुबह ९:४३ बजे 23 सितंबर २०२६ दोपहर १२:०० बजे

परिचय

वामन जयंती भगवान वामन को समर्पित है, जो दानव राजा बाली को नीचा दिखाकर संतुलन पुनर्स्थापित किया। भक्त व्रत, पूजा और अनुष्ठान के साथ इस पर्व को मनाते हैं।

अन्य नाम

वामन द्वादशी, वामन अवतार जयंती

पूजा विधि

  • सुबह जल्दी पूजा और शुद्धिकरण से शुरू करें।
  • वामन मंत्रों का जाप करें और मूर्ति का अभिषेक करें।
  • आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
  • वामन अवतार और उनकी कथाओं का वर्णन करें।

अनुष्ठान

  • द्वादशी तिथि के दौरान व्रत और विशेष पूजा।
  • मंदिरों और घरों में वामन मूर्ति की स्थापना और पूजा।
  • वामन स्तोत्र और विष्णु सहस्रनाम का पाठ।
  • देवी को फूल, फल और लाल चंदन अर्पित करना।

क्षेत्रीय विशेषताएँ

  • भारत के विभिन्न हिस्सों में व्यापक रूप से मनाया जाता है, जिसमें महाराष्ट्र और दक्षिण भारत शामिल हैं।
  • विनम्रता, बलिदान, और दिव्य हस्तक्षेप की कहानियों को उजागर करता है।
  • वामन और राजा बाली की कथा सुनाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं।

इतिहास

यह उत्सव वामन अवतार का स्मरण है, जिसे त्रेता युग में भगवान विष्णु का पहला मानव अवतार माना जाता है। यह अवतार विनम्रता, भक्ति और ब्रह्मांडीय न्याय का प्रतीक है।

अतिरिक्त जानकारी

  • वामन जयंती को दान देने और क्षमा मांगने के लिए शुभ माना जाता है।
  • भक्त मानते हैं कि व्रत और अनुष्ठान पुराने पापों को मिटाते हैं और समृद्धि लाते हैं।
  • इस दिन कई मंदिर कथाएँ और भक्तिमय कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
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