वैशाख पूर्णिमा २०२६
तारीख़: 1 मई २०२६
पूरी तारीख
30 अप्रैल २०२६ रात्रि ९:१२ बजे – 1 मई २०२६ रात्रि १०:५२ बजे
मुहूर्त समय भारत में
वैशाख पूर्णिमा पूजा
भगवान बुद्ध और सत्य विनायक की याद में मंदिरों में विशेष पूजा और उत्सव।
1 मई २०२६ सुबह ६:०० बजे – 1 मई २०२६ रात्रि १०:५२ बजे
परिचय
वैशाख पूर्णिमा को भगवान बुद्ध के जन्म और भगवान विष्णु के सत्य विनायक अवतार के रूप में मनाया जाता है। यह दान, व्रत और प्रार्थना के महत्व को दर्शाता है।
अन्य नाम
वैशाख पूर्णिमा, बुद्ध जयन्ती, सत्य विनायक पूर्णिमा
पूजा विधि
- पवित्र स्नान और शुद्धि अनुष्ठान से शुरुआत करें।
- मंदिर में फूल, मिठाई और फल अर्पित करें।
- दिनभर विष्णु और बुद्ध संबंधी मंत्रों का जाप करें।
- प्रसाद वितरण और सामूहिक प्रार्थना के साथ समापन करें।
अनुष्ठान
- व्रत और जरूरतमंदों को दान।
- भगवान विष्णु की पूजा सत्य विनायक के रूप में।
- पवित्र नदियों और मंदिरों में स्नान।
- मंत्र जाप और भगवान बुद्ध से संबंधित ग्रंथों का पठान।
क्षेत्रीय विशेषताएँ
- हिंदू और बौद्ध समुदायों में व्यापक रूप से मनाया जाता है।
- भगवान विष्णु और बुद्ध के धार्मिक अनुष्ठानों का मेल।
- सत्य, करुणा और आध्यात्मिक जागरण पर जोर।
इतिहास
यह त्यौहार भगवान बुद्ध के जन्म और भगवान विष्णु के सत्य विनायक रूप का सम्मान करता है, जो सत्य, धर्म और करुणा के प्रतीक हैं।
अतिरिक्त जानकारी
- वैशाख पूर्णिमा दयालुता, दान और आध्यात्मिक विकास को प्रोत्साहित करती है।
- भक्त मानते हैं कि इस दिन व्रत और प्रार्थना से पूर्व के पाप क्षीण हो जाते हैं।
- समुदाय मंदिर कार्यक्रम, प्रवचन और सामूहिक प्रार्थनाएं आयोजित करते हैं।
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