उगादी २०२६
तारीख़: 19 मार्च २०२६
पूरी तारीख
19 मार्च २०२६ सुबह ६:५२ बजे – 20 मार्च २०२६ सुबह ४:५२ बजे
मुहूर्त समय भारत में
उगादी पंचांग पठन
आगामी वर्ष के कार्यक्रमों और भाग्य की भविष्यवाणी के लिए पंचांग पढ़ना।
19 मार्च २०२६ सुबह – 19 मार्च २०२६ शाम
परिचय
उगादी तेलुगु और कन्नड़ समुदायों के लिए नए चंद्र वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। यह नए आरंभ, पारिवारिक मिलन और समृद्धि की प्रार्थना का समय है।
अन्य नाम
तेलुगु नववर्ष, कन्नड़ नववर्ष, चैत्र प्रतिपदा
पूजा विधि
- दिन की शुरुआत शुद्धिकरण के लिए तेल स्नान से करें।
- दरवाजे पर आम के पत्तों से सजी गुढ़ी लगाएं।
- भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी को पूजा अर्चना करें।
- जीवन के विभिन्न स्वादों को स्वीकार करने के लिए उगादी पचड़ी बनाएं और खाएं।
- पंचांग पढ़ें और नए वर्ष के लिए आशीर्वाद मांगें।
अनुष्ठान
- सुबह जल्दी तेल स्नान कर शरीर को शुद्ध करना।
- घर को आम के पत्तों और रंग-बिरंगी रंगोली से सजाना।
- उगादी पचड़ी खाना, जिसमें छह भिन्न स्वाद होते हैं जो जीवन को दर्शाते हैं।
- पंचांग पढ़ना और आने वाले वर्ष की भविष्यवाणी करना।
क्षेत्रीय विशेषताएँ
- मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में मनाया जाता है।
- तेलुगु और कन्नड़ नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है।
- पारंपरिक भोजन, सजावट और धार्मिक अनुष्ठान शामिल हैं।
इतिहास
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, ब्रह्मांड की सृष्टि भगवान ब्रह्मा ने उगादी के दिन की। यह त्योहार तेलुगु संवत्सर की शुरुआत भी दर्शाता है, जो साठ वर्ष के चक्र का प्रतीक है।
अतिरिक्त जानकारी
- उगादी पचड़ी छह भिन्न स्वादों वाली एक अनोखी डिश है जो जीवन के विविध अनुभवों का प्रतीक है।
- यह त्योहार पारिवारिक मेलजोल और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देता है।
- नई शुरुआत और संकल्प के लिए शुभ दिन माना जाता है।
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