तुळजा भवानी उत्सव २०२६
तारीख़: 22 सितंबर से 2 अक्टूबर २०२६
पूरी तारीख
22 सितंबर २०२६ सुबह ६:०० बजे – 2 अक्टूबर २०२६ रात ९:०० बजे
मुहूर्त समय भारत में
नवरात्रि पूजा
त्योहार के दौरान दैनिक पूजा, प्रार्थनाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम।
22 सितंबर २०२६ सुबह ६:०० बजे – 2 अक्टूबर २०२६ रात ९:०० बजे
परिचय
तुळजा भवानी उत्सव महाराष्ट्र के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक त्यौहारों में से एक है, जो देवी भवानी को भव्य नवरात्रि उत्सव और भक्तिमय गतिविधियों के साथ सम्मानित करता है।
अन्य नाम
तुळजा भवानी नवरात्रि, तुळजापूर उत्सव
पूजा विधि
- पहले दिन घटस्थापना से आरंभ करें।
- दैनिक अभिषेक और आरती करें, भक्तों की भागीदारी के साथ।
- देवी भवानी के स्तोत्र और कहानियों का पाठ।
- विजयादशमी को भव्य अनुष्ठान के साथ समापन।
अनुष्ठान
- मंदिर में दैनिक नवरात्रि पूजा और अभिषेक।
- भजन-कीर्तन और शोभा यात्राएं।
- सामुदायिक भंडारे और सांस्कृतिक प्रदर्शन।
- भवानी अष्टमी और विजयादशमी पर विशेष समारोह।
क्षेत्रीय विशेषताएँ
- तुळजा भवानी कई मराठी परिवारों और योद्धाओं की कुलदेवी हैं।
- उत्सव भक्ति, संगीत और सांस्कृतिक विरासत से संपन्न होता है।
- यह महाराष्ट्र में एक प्रमुख पर्यटन और धार्मिक कार्यक्रम है।
इतिहास
यह उत्सव देवी भवानी का सम्मान करता है, जिन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे महान मराठी योद्धाओं की कुलदेवी के रूप में पूजा जाता है। इसके क्षेत्रीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व गहरे हैं।
अतिरिक्त जानकारी
- महाराष्ट्र और आस-पास के राज्यों से श्रद्धालु पंढरपुर में दर्शन के लिए आते हैं।
- महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस उत्सव को राज्य स्तरीय दर्जा मिला है।
- भक्तों के लिए लाइव स्ट्रीमिंग समेत व्यापक व्यवस्थाएं की जाती हैं।
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