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तिरुपति ब्रह्मोत्सव २०२६

तारीख़: १५ सितंबर २०२६ - २३ सितंबर २०२६

पूरी तारीख

१५ सितंबर २०२६ सुबह ९:०० बजे २३ सितंबर २०२६ शाम ८:०० बजे

मुहूर्त समय भारत में

  • ध्वजारोहण (ध्वज फहराना)

    ब्रह्मोत्सव की आधिकारिक शुरुआत का ध्वज फहराने का अनुष्ठान।

    १५ सितंबर २०२६ सुबह ६:०० बजे १५ सितंबर २०२६ सुबह ७:०० बजे

  • गरुड़ वाहन सेवा

    भगवान वेनकटेश्वर का गरुड़ वाहन पर जुलूस, जो दिव्य सुरक्षा का प्रतीक है।

    १६ सितंबर २०२६ शाम ५:०० बजे १६ सितंबर २०२६ शाम ८:०० बजे

  • रथोत्सव (रथ महोत्सव)

    भव्य समापन दिवस का जुलूस जिसमें भगवान को रथ में बाहर निकाला जाता है।

    २३ सितंबर २०२६ सुबह ६:०० बजे २३ सितंबर २०२६ रात ९:०० बजे

परिचय

तिरुपति ब्रह्मोत्सव तिरुमला के वेनकटेश्वर मंदिर में मनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण वार्षिक उत्सव है। यह नौ दिनों तक चलने वाला उत्सव है जिसमें भगवान वेनकटेश्वर के विभिन्न वाहनों पर जुलूस शामिल होते हैं, जो विश्वभर से लाखों भक्तों को आकर्षित करता है।

अन्य नाम

श्रीविरि ब्रह्मोत्सव, तिरुमला ब्रह्मोत्सव

पूजा विधि

  • ध्वजारोहण से शुभारंभ करें।
  • प्रत्येक दिन उत्सव मूर्ति के साथ वाहनों की शोभा यात्रा आयोजित करें।
  • विशेष पूजा जैसे अलंकरण और अभिषेक करें।
  • वैदिक मंत्रों का जाप करें और सामूहिक आरती में भाग लें।
  • उंझल सेवा के साथ देवता को झूला पर झुलाएं।
  • भव्य रथोत्सव जुलूस के साथ समापन करें।

अनुष्ठान

  • ध्वजारोहण (पगड़ी फहराना) से उत्सव की शुरुआत होती है।
  • भगवान वेनकटेश्वर की उत्सव मूर्ति को गरुड़, हनुमान और अश्व जैसे विभिन्न वाहनों पर प्रतिदिन जुलूस निकाला जाता है।
  • विशेष अनुष्ठान जैसे अंकुरार्पण, विशेष पूजा और उंझल सेवा (झूला अनुष्ठान)।
  • भक्त मन्त्र जाप, प्रार्थना और प्रसाद अर्पण में भाग लेते हैं।
  • उत्सव का समापन रथोत्सव के साथ होता है, जो भगवान का रथ जुलूस है।
  • अनुष्ठानों के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम और भक्ति गीत होते हैं।

क्षेत्रीय विशेषताएँ

  • तिरुपति ब्रह्मोत्सव विश्वभर के भक्तों के लिए प्रमुख आकर्षण है।
  • यह उत्सव समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं और मंदिर वास्तुकला को दर्शाता है।
  • यह सामुदायिक मेलजोल और धार्मिक भक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इतिहास

ब्रह्मोत्सव की शुरुआत भगवान ब्रह्मा द्वारा स्वयं एक शुद्धिकरण और शुभ अनुष्ठान के रूप में मानी जाती है। यह उत्सव भगवान वेनकटेश्वर की दिव्य उपस्थिति और आशीर्वाद का अनंत उत्सव है।

अतिरिक्त जानकारी

  • ब्रह्मोत्सव में तिरुपति के विशिष्ट दैनिक सेवाएं और विशेष अनुष्ठान शामिल हैं।
  • यह लाखों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान करता है।
  • तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा पूर्व बुकिंग और व्यवस्थाएं उत्सव की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित करती हैं।
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