श्री राम नवमी उत्सव 2026
तारीख़: २७ मार्च २०२६
पूरी तारीख
२७ मार्च २०२६ सुबह ६:०० बजे – २७ मार्च २०२६ शाम ८:०० बजे
मुहूर्त समय भारत में
राम जन्म काल
भगवान श्रीराम का जन्मकाल मध्यान्ह मुहूर्त (27 मार्च 2026 को 11:08 बजे से 1:39 बजे तक) माना जाता है, जो भगवान विष्णु के सातवें अवतार के अवतरण का प्रतीक है।
२७ मार्च २०२६ सुबह ११:०८ बजे – २७ मार्च २०२६ दोपहर १:३९ बजे
राम नवमी शोभायात्रा
अयोध्या, भद्राचलम और सीतामढ़ी में भक्तों द्वारा भव्य रथ यात्राएँ निकाली जाती हैं, जिनमें भजन, कीर्तन और रामलीला का enactment होता है।
२७ मार्च २०२६ सुबह १०:०० बजे – २७ मार्च २०२६ शाम ६:०० बजे
परिचय
राम नवमी, जो चैत्र नवरात्रि के नवें दिन मनाई जाती है, भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव का प्रतीक है जो सत्य, नीति और धर्म के स्वरूप माने जाते हैं। यह हिंदू धर्म के सबसे पूजनीय पर्वों में से एक है, जो धर्म की अधर्म पर विजय का प्रतीक है।
अन्य नाम
श्री राम नवमी, राम जन्मोत्सव, चैत्र नवमी
पूजा विधि
- भगवान गणेश की आराधना के साथ पूजा की शुरुआत करें।
- भगवान श्रीराम की प्रतिमा के पास जल, सुपारी, आम के पत्तों से भरा कलश रखें।
- ताजे फूल, तुलसी पत्र, फल और पंचामृत का भोग अर्पित करें।
- मध्यान्ह काल (11:08 बजे – 1:39 बजे) में विष्णु सहस्रनाम या राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें।
- आरती कर प्रसाद वितरित करें।
अनुष्ठान
- भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और घर व पूजा स्थल की सफाई करते हैं।
- भगवान श्रीराम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की प्रतिमा या चित्र स्थापित कर पूजा करते हैं।
- ‘श्रीराम जय राम जय जय राम’ का जाप करते हुए दिनभर व्रत रखा जाता है।
- रामायण या रामचरितमानस का पाठ और भजन-कीर्तन किया जाता है।
- भक्ति गीतों और शोभायात्राओं के साथ प्रसाद वितरण किया जाता है।
क्षेत्रीय विशेषताएँ
- अयोध्या में सरयू स्नान, आरती और मंदिर शोभायात्राओं के साथ राम नवमी का भव्य आयोजन होता है।
- तेलंगाना के भद्राचलम में ‘कल्याणोत्सव’ यानी श्रीराम-सीता विवाह का आयोजन होता है।
- दक्षिण भारत में भक्त रामायण पाठ और सामूहिक भोज के साथ उत्सव मनाते हैं।
- महाराष्ट्र और गुजरात में ‘राम राज्य अभिषेक’ अनुष्ठान शांति और धर्म स्थापना के लिए किए जाते हैं।
इतिहास
रामायण के अनुसार भगवान विष्णु ने त्रेतायुग में धर्म की स्थापना हेतु श्रीराम के रूप में अवतार लिया। अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र के रूप में जन्म लेकर उन्होंने आदर्श जीवन, साहस और करुणा का उदाहरण प्रस्तुत किया। राम नवमी उनके जन्म के साथ-साथ ‘रामराज्य’ के आदर्श सिद्धांतों — सत्य, शांति और न्याय — को भी दर्शाती है।
अतिरिक्त जानकारी
- राम नवमी चैत्र नवरात्रि का समापन करती है और शक्ति एवं विष्णु उपासना के समन्वय का प्रतीक है।
- इस दिन का व्रत रखने से आंतरिक शांति, समृद्धि और दिव्य सुरक्षा प्राप्त होती है।
- विश्वभर के इस्कॉन और राम मंदिरों में सामूहिक रामायण पाठ और कीर्तन आयोजित किए जाते हैं।
