इंद्र जात्रा २०२६
तारीख़: 25 सितंबर २०२६
पूरी तारीख
25 सितंबर २०२६ सभी दिन – 25 सितंबर २०२६ रात्रि
मुहूर्त समय भारत में
इंद्र जात्रा पर्व
काठमांडू में भव्य शोभायात्राएँ, नकाब नृत्य, और सांस्कृतिक कार्यक्रम भगवान इंद्र के सम्मान में।
25 सितंबर २०२६ सभी दिन – 25 सितंबर २०२६ रात्रि
परिचय
इंद्र जात्रा एक जीवंत त्योहार है, जो मानसून के अंत का प्रतीक है, जिसमें भगवान इंद्र के सम्मान में भव्य शोभायात्राएँ, नकाब पहने नृत्य और धार्मिक अनुष्ठान होते हैं।
अन्य नाम
येयंया, इंद्र उत्सव
पूजा विधि
- सुबह प्रार्थना और भगवान इंद्र को पूजा से शुरुआत।
- मंत्र जपें और पारंपरिक संगीत के साथ आरती करें।
- शोभायात्राओं और नकाब नृत्यों में भाग लें।
- प्रसाद और आशीर्वाद वितरित कर समाप्त करें।
अनुष्ठान
- भगवान इंद्र की मूर्ति या प्रतिमा का शोभायात्रा।
- दिव्य और पौराणिक दृश्यों का नकाब नृत्य।
- भगवान इंद्र को फूल, चावल और मिठाई अर्पित करना।
- मंदिरों में पारंपरिक अनुष्ठान और प्रार्थना।
क्षेत्रीय विशेषताएँ
- काठमांडू और नेपाल के अन्य भागों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
- प्राकृतिक वर्षा, उर्वरता और पारंपरिक कला पर केंद्रित।
- आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व स्थानीय इतिहास से गहरे जुड़ा है।
इतिहास
यह त्योहार प्राचीन नेवार परंपराओं से उत्पन्न हुआ है और भगवान इंद्र के वर्षा और स्वर्ग पर शासन का उत्सव है, उनकी आशीर्वाद से फसलों और मौसम की शुभकामनाएँ की जाती हैं।
अतिरिक्त जानकारी
- यह त्योहार पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है।
- पारंपरिक नृत्य, संगीत और त्योहारों के संरक्षण को प्रोत्साहित करता है।
- बारिश, अच्छी फसल और समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगे जाते हैं।
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