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गुरु पूर्णिमा 2026 – गुरु और आध्यात्मिक शिक्षकों का सम्मान

तारीख़: २९ जुलाई २०२६

पूरी तारीख

२९ जुलाई २०२६ सुबह ६:०० बजे २९ जुलाई २०२६ रात ८:०५ बजे

मुहूर्त समय भारत में

  • गुरु पूजा और व्यास पूजा

    29 जुलाई 2026 को गुरु पूजा और व्यास पूजा का शुभ मुहूर्त सूर्योदय से सायंकाल तक रहेगा। साधक अपने गुरुजन की पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

    २९ जुलाई २०२६ सुबह ६:०० बजे २९ जुलाई २०२६ रात ८:०५ बजे

परिचय

गुरु पूर्णिमा एक पारंपरिक हिंदू पर्व है जो आध्यात्मिक और शैक्षिक गुरुओं के सम्मान के लिए मनाया जाता है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाने वाला यह पर्व, गुरु के प्रति कृतज्ञता और भक्ति का प्रतीक है, जिन्हें अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करने वाला कहा जाता है।

अन्य नाम

व्यास पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा

पूजा विधि

  • प्रातः स्नान कर पूजा स्थल को तैयार करें।
  • स्वच्छ वस्त्र पर व्यासजी या अपने गुरु का चित्र/मूर्ति स्थापित करें।
  • फूल, धूप, दीप व मिठाई अर्पित करें तथा मंत्रोच्चारण करें।
  • गुरु वंदन करते हुए माला और वस्त्र अर्पित करें।
  • गुरु के चरण स्पर्श कर या शीश नवाकर आशीर्वाद प्राप्त करें।

अनुष्ठान

  • भक्त प्रातःकाल स्नान कर, स्वच्छ पीले या सफ़ेद वस्त्र धारण करते हैं।
  • गृह में व्यासजी या निज गुरु के चित्र/मूर्ति के समक्ष पूजा का आयोजन किया जाता है।
  • फूल, फल, मिठाई और माला अर्पित की जाती है।
  • ‘गुरु स्तोत्र’ और ‘व्यास पूजा’ का पाठ किया जाता है।
  • गुरुओं को दक्षिणा (उपहार/धन) अर्पित की जाती है और शिष्य आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

क्षेत्रीय विशेषताएँ

  • उत्तर भारत में आश्रमों और शिक्षण केंद्रों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
  • महाराष्ट्र और गुजरात में शिष्य गुरु का आशीर्वाद लेने फल एवं उपहार अर्पित करते हैं।
  • बौद्ध क्षेत्रों में भगवान बुद्ध के प्रथम उपदेश की स्मृति में प्रार्थना का आयोजन होता है।
  • शिक्षण संस्थाओं व मंदिरों में गुरु पूजा व प्रवचन की परंपरा है।

इतिहास

यह दिन महाभारत के रचयिता महर्षि वेद व्यास के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें आदि गुरु कहा जाता है। बौद्ध धर्म में इसी दिन भगवान बुद्ध ने सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था। जैन धर्म में यह दिन भगवान महावीर के पहले शिष्य के रूप में जाने जाते हैं। यह पर्व भारतीय अध्यात्मिक परंपराओं में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

अतिरिक्त जानकारी

  • गुरु पूर्णिमा हिंदू, बौद्ध और जैन सभी धर्मों में विशेष स्थान रखती है।
  • गुरु शब्द का अर्थ अज्ञान रूपी अंधकार का नाश करने वाला है।
  • इस दिन गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करने से ज्ञान, शांति और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है।
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