गुढी पाडवा २०२६
तारीख़: 19 मार्च २०२६
पूरी तारीख
19 मार्च २०२६ सुबह ६:५२ बजे – 20 मार्च २०२६ सुबह ४:५२ बजे
मुहूर्त समय भारत में
गुढी पाडवा उत्सव
नववर्ष और वसंत ऋतु के स्वागत के लिए विशेष पूजा, सांस्कृतिक मिलन और पारंपरिक अनुष्ठान।
19 मार्च २०२६ सुबह ६:५२ बजे – 20 मार्च २०२६ सुबह ४:५२ बजे
परिचय
गुढी पाडवा मराठी समुदाय द्वारा नववर्ष और वसंत आगमन के रूप में मनाया जाता है। त्योहार में गुढी झंडा लगाना, विशेष पूजा, तेल स्नान और पारंपरिक भोजन शामिल हैं।
अन्य नाम
मराठी नववर्ष, संवत्सर पद्वो, चैत्र प्रतिपदा
पूजा विधि
- सूर्योदय के साथ तेल स्नान करें।
- फूल और नीम के पत्तों से सजाकर गुढी झंडा लगाएं।
- भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी को पूजा और भेंट दें।
- परिवार के साथ भोज और शुभकामनाएं बांटें।
अनुष्ठान
- घर के बाहर विजय और समृद्धि के प्रतीक के रूप में 'गुढी' झंडा लगाना।
- अनुष्ठानिक तेल स्नान करना और नए कपड़े पहनना।
- दिन की शुरुआत में नीम के पत्ते और गुड़ का सेवन।
- पारंपरिक भोजन जैसे पुरण पोळी बनाना और साझा करना।
क्षेत्रीय विशेषताएँ
- मुख्य रूप से महाराष्ट्र और गोवा में मनाया जाता है।
- मराठी नववर्ष और कृषि मौसम की शुरुआत का प्रतीक।
- जीवंत सांस्कृतिक प्रदर्शन और सामुदायिक मिलन।
इतिहास
यह त्योहार भगवान ब्रह्मा द्वारा ब्रह्मांड के सृष्टि और अच्छाई की बुराई पर विजय का स्मरण है। यह भगवान राम के अयोध्या वापसी के बाद उनके राज्याभिषेक की भी याद दिलाता है।
अतिरिक्त जानकारी
- गुढी पाडवा नवीनीकरण, समृद्धि और अच्छाई की जीत पर जोर देता है।
- त्योहार में पुरण पोळी और उकडिचे मोदक जैसे अनोखे व्यंजन शामिल हैं।
- यह परिवारिक एकता और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देता है।
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