गीता जयंती २०२६ – श्रीमद् भगवद् गीता का दिव्य संदेश
तारीख़: २० दिसंबर २०२६
पूरी तारीख
१९ दिसंबर २०२६ रात १०:०९ बजे (एकादशी तिथि आरंभ) – २० दिसंबर २०२६ शाम (अनुमानित)
मुहूर्त समय भारत में
गीता पाठ एवं प्रवचन सत्र
२० दिसंबर २०२६ को कई मंदिरों एवं आध्यात्मिक केंद्रों में भगवद् गीता के चयनित अध्यायों का पाठ और उसके उपदेशों पर प्रवचन का विशेष आयोजन होगा।
२० दिसंबर २०२६ सुबह १०:०० बजे – २० दिसंबर २०२६ दोपहर १:०० बजे
परिचय
गीता जयंती उस दिन को समर्पित है जब भगवान कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को भगवद् गीता का उपदेश दिया था। यह मार्गशीर्ष मास की शुक्ल एकादशी को आता है और शास्त्र-पाठ, चिंतन तथा भक्ति के लिए समय प्रदान करता है।
अन्य नाम
गीता महोत्सव, श्रीमद् भगवद् गीता जयंती
पूजा विधि
- पूजन-स्थान को स्वच्छ करें और कृष्ण-अर्जुन की छवि या प्रतिमा रखें।
- घी का दीप जलाएं और सामने ताज़ा फूल, अगरबत्ती व मिठाई अर्पित करें।
- भक्ति भाव से भगवद् गीता या जैसे अध्याय 2 (स्व-ज्ञान का अध्याय) का पाठ करें।
- थोड़ी देर ध्यान लगाएं- अपना कर्तव्य, धर्म और आंतरिक शांति पर चिंतन करें।
- सामूहिक प्रणाम दें, प्रसाद वितरित करें और गीता-पाठ से मिली सीख साझा करें।
अनुष्ठान
- भगवद् गीता का पूर्ण-पाठ या चयनित अध्याय सुनना/पढ़ना।
- भगवान कृष्ण के मंदिर जाना या सत्संग में भाग लेना।
- उपवास रखना या पूरे दिन मौन व ध्यान की अवस्था में रहना।
- कृष्ण-अर्जुन की छवि के सामने दीप, फूल व अगरबत्ती अर्पित करना।
- गीता प्रवचन, सामूहिक कीर्तन एवं समाज-सेवा में भागीदारी करना।
क्षेत्रीय विशेषताएँ
- हरियाणा के कुरुक्षेत्र में वार्षिक ‘इंटरनेशनल गीता महोत्सव’ प्रमुख रूप से मनाया जाता है।
- भारत भर के कृष्ण-मंदिरों में गीता-पाठ, समूह कीर्तन एवं गीता-संदेश पर सामयिक सेमिनार आयोजित होते हैं।
- विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में युवा-वर्ग के लिए गीता-शिक्षा, कर्तव्य, आचार एवं नेतृत्व पर चर्चा का क्रम बढ़ा है।
इतिहास
महाभारत के युद्ध काल में जब अर्जुन युद्धभूमि में नैतिक दुविधा में थे, तब भगवान कृष्ण ने उन्हें ७०० श्लोकों वाली भगवद् गीता का उपदेश दिया। उस उपदेश की स्मृति में इस दिन को प्रतिवर्ष मनाया जाता है। मंदिरों, आध्यात्मिक केंद्रों एवं संगठनों में पाठ, प्रवचन एवं समारोह आयोजित होते हैं।
अतिरिक्त जानकारी
- गीता जयंती मार्गशीर्ष मास की एकादशी तिथि से मेल खाती है, जिसे कई परंपराओं में मोक्षमुक्त एकादशी या वैकुण्ठ एकादशी कहा जाता है।
- ‘गीता’ शब्द का अर्थ है ‘गीत’ लेकिन भगवद् गीता केवल एक गीत नहीं है — यह युद्ध, कर्तव्य, धर्म व आत्म-साक्षात्कार पर एक दार्शनिक प्रवचन है।
- इस दिन अनेक लोग गीता-अध्ययन समूह, पाठ-मैराथन या ऑनलाइन सत्र आरंभ करते हैं ताकि उनकी समझ गहरा हो सके।
