तुकाराम आरती
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आरती तुकाराम ।
स्वामी सद्गुरु धाम ॥
सच्चिदानंद मूर्ति ।
पाय दखावी अम्हा ॥
आरती तुकाराम ।
स्वामी सद्गुरु धाम ॥
सच्चिदानंद मूर्ति ।
पाय दखावी अम्हा ॥
रघवे सागरात ।
पसन तरिले ॥
तैसे हेम तुकोबचे ।
अभंग उडकी रक्षिले ।
आरती तुकाराम ॥
आरती तुकाराम ।
स्वामी सद्गुरु धाम ॥
सच्चिदानंद मूर्ति ।
पाय दखावी अम्हा ॥
तुकित तुलनेसी ।
ब्रह्म तुकासी आले ॥
म्हणोनी रामेश्वरे ।
चरणी मस्तक ठेविले ॥
आरती तुकाराम ।
स्वामी सद्गुरु धाम ॥
सच्चिदानंद मूर्ति ।
पाय दखावी अम्हा ॥
आरती तुकाराम ।
स्वामी सद्गुरु धाम ॥
सच्चिदानंद मूर्ति ।
पाय दखावी अम्हा ॥
तुकाराम आरती के बारे में
तुकाराम महाराज महाराष्ट्र के महान संत और भक्त कवि थे। उनकी आरती भक्तों को प्रेम, भक्ति और आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है। यह आरती उनकी शिक्षाओं और भक्ति की महिमा का स्तवन है।
अर्थ
इस आरती में तुकाराम महाराज के जीवन, उनकी निर्भय भक्ति, एवं उनके अभंगों के माध्यम से व्यक्त आध्यात्मिक ज्ञान और प्रेम का वर्णन है। यह आरती भक्तों के जीवन में सहारा और प्रेरणा लाती है।
लाभ
- भक्ति और प्रेम की वृद्धि
- मानसिक शांति और आनंद
- संकटों से मुक्ति और सुरक्षा
- आध्यात्मिक प्रगति और सद्भाव
महत्व
तुकाराम आरती महाराष्ट्र में विशेष रूप से की जाती है और संत तुकाराम को समर्पित पूजा-अर्चना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इससे भक्तों को संत की आशीर्वाद प्राप्त होती है।