श्री सूर्य देव - जय जय रविदेव
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जय जय जय रविदेव,
जय जय जय रविदेव ।
रजनीपति मधारी,
शतलड जीवन दाता ॥
पतपद मन्न मधुकारी,
हे दिनमन्न दाता ।
जग के हे रविदेव,
जय जय जय स्वदेव ॥
नभ मंडल के वाणी,
ज्योति प्रकाशक देवा ।
निजजन हित सुखराशि,
तेरी हम सब सेवा ॥
करते है रवि देव,
जय जय जय रविदेव ।
कनक बदन मन मोहित,
रुचिर प्रभा प्यारी ॥
नित मंडल से मंडित,
अजर अमर छविधारी ।
हे सुरवर रविदेव,
जय जय जय रविदेव ॥
जय जय जय रविदेव,
जय जय जय रविदेव ।
रजनीपति मधारी,
शतलड जीवन दाता ॥
श्री सूर्य देव - जय जय रविदेव के बारे में
श्री सूर्य देव को हिन्दू धर्म में जीवन दाता और प्रकाश के स्रोत के रूप में पूजा जाता है। जय जय रविदेव आरती सूर्य देव की शक्ति, ज्ञान और जीवनप्रदायक ऊर्जा की महिमा करती है। यह आरती भक्तों को स्वास्थ्य, समृद्धि और मानसिक शांति प्रदान करती है।
अर्थ
इस आरती में सूर्य देव के विभिन्न गुणों जैसे कि अंधकार को दूर करने, जीवन प्रदान करने, जगत को प्रकाशित करने, और भक्तों की रक्षा करने का वर्णन है। यह उनके दिव्य स्वरूप और अपार ऊर्जा का बखान करती है।
लाभ
- शारीरिक ऊर्जा और स्वास्थ्य में वृद्धि
- अंधकार और नकारात्मकता से मुक्ति
- आध्यात्मिक जागरूकता और मानसिक शांति
- जीवन में सफलता और समृद्धि
महत्व
जय जय रविदेव आरती विशेष रूप से सूर्योदय और सूर्यास्त के समय की जाती है। इस आरती से भक्तों को सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा बनी रहती है।