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श्री रामचन्द्र आरती

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आरती कीजै श्री रामचन्द्र की।
दुष्टदालन सीतापति जी की॥

पहली आरती पुष्पों की माला।
काली नाग नाथ।आये गोपाला॥

दूसरी आरती देवकी नन्दन।
भक्त उबारन कंस निकन्दन॥

तीसरी आरती त्रिभुवन मोहे।
रत्न सिंहासन सीता राम जी सोहे॥

चौथी आरती चारों युग पूजा।
देव निरंजन स्वामी और न दूजा॥

पाँचवी आरती राम को भावे।
रामजी का यश नामदेवजी गावे॥

श्री रामचन्द्र आरती के बारे में

श्री रामचंद्र की आरती भगवान राम के जीवन, उनके गुणों और उनके द्वारा मानवता के लिए किए गए कार्यों की महिमा करती है। यह आरती भक्तों में भक्ति और आध्यात्मिक उन्नति की भावना उत्पन्न करती है।

अर्थ

इस आरती में रामजी के जन्म, बाल्य, वनवास, और रावण वध की घटनाओं का विस्तार से वर्णन है, जो उनके आदर्श चरित्र और धर्म्य जीवन को दर्शाता है।

लाभ

  • भक्ति और नैतिक शिक्षा का विकास
  • संकटों से मुक्ति और जीवन में सफलता
  • मानसिक शांति और संकल्प की प्रगाढ़ता
  • परिवार और समाज में सद्भाव और शांति

महत्व

इस आरती का नियमित पाठ भगवान श्रीराम की कृपा प्राप्ति और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम है। यह राम नवमी, दशहरा, और अन्य धार्मिक अवसरों पर विशेष रूप से गाई जाती है।

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