श्री नवग्रह जी आरती
आरती श्री नवग्रहों की कीजै।
बाधा, कष्ट, रोग, हर लीजे।
सूर्य तेज व्यापे जीवन भर।
जाकी कृपा कबहुँ नहीं छीजे।
रूप चन्द्र शीतलता लाए।
शांति स्नेह सरस रसु भीजै।
मंगल हरे अमंगल सारा।
सौम्य सुधा रस पीजै।
बुद्ध सदा वैभव यश लीये।
सुख संपत्ति लक्ष्मी पसीजै।
विद्या बुद्धि ज्ञान गुरु से ले लो।
प्रगति सदा मानव पै रीझे।
शुक्र तर्क विज्ञान बढ़ावे।
देश धर्म सेवा यश लीजे।
न्यायधीश शनि अति प्यारे।
जप तप श्रद्धा शनि को दीजै।
राहु मन का भरम हरावे।
साथ न कबहुँ कुकर्म न दीजै।
स्वस्थ उत्तम केतु राखे।
पराधीनता मनहित खीजे।
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