श्री कुबेर आरती, जय कुबेर स्वामी
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जय कुबेर स्वामी,
प्रभु जय कुबेर स्वामी,
है सम्रथ परिपूरण ।
है सम्रथ परिपूरण ।
है अन्तर्यामी ॥
ॐ जय कुबेर स्वामी
प्रभु जय कुबेर स्वामी..
जय कुबेर स्वामी,
प्रभु जय कुबेर स्वामी,
है सम्रथ परिपूरण ।
है अन्तर्यामी ।
॥ ॐ जय कुबेर स्वामी.. ॥
प्रभु जय कुबेर स्वामी..
विश्रव के लाल इदविदा के प्यारे,
माँ इदविदा के प्यारे,
कावेरी के नाथ हो ।
शिवजी के दुलारे ।
॥ ॐ जय कुबेर स्वामी.. ॥
प्रभु जय कुबेर स्वामी..
मणिग्रवी मीनाक्षी देवी,
नल्कूबर के तात,
प्रभु नल्कूबर के तात
देवलोक में जाग्रत ।
आप ही हो साक्षात ।
॥ ॐ जय कुबेर स्वामी.. ॥
प्रभु जय कुबेर स्वामी..
रेवा नर्मदा तट
शोभा अतीभारी
प्रभु शोभा अतीभारी
कर्णाली में विराजत ।
भोले भण्डारी ।
॥ ॐ जय कुबेर स्वामी.. ॥
प्रभु जय कुबेर स्वामी..
वन्ध्य पुत्र रत्न और
निर्धन धन पाये
सब निर्धन धन पाये
मनवंचित फल देते ।
जो मन से ध्याये ।
॥ ॐ जय कुबेर स्वामी.. ॥
प्रभु जय कुबेर स्वामी..
सकल जगत में तुम ही
सब के सुखदाता
प्रभु सब के सुखदाता
दास जयन्त कर वन्दे
जाये बलिहारी ।
॥ ॐ जय कुबेर स्वामी.. ॥
प्रभु जय कुबेर स्वामी..
जय कुबेर स्वामी,
प्रभु जय कुबेर स्वामी,
है सम्रथ परिपूरण ।
है सम्रथ परिपूरण ।
है अन्तर्यामी ॥
ॐ जय कुबेर स्वामी
प्रभु जय कुबेर स्वामी..
श्री कुबेर आरती, जय कुबेर स्वामी के बारे में
श्री कुबेर जी को धन, संपत्ति और समृद्धि का देवता माना जाता है। उनकी आरती से भक्तों के जीवन में धन-संपदा की वृद्धि होती है और वे आर्थिक संकटों से मुक्ति पाते हैं।
अर्थ
इस आरती में कुबेर देव के वैभव, उनके गदा और त्रिशूल के साथ दिव्य विराट स्वरूप का वर्णन है। यह आरती उनके धन की वर्षा करने वाले रूप और भक्तों की हर मनोकामना पूरी करने वाले गुणों की स्तुति करती है।
लाभ
- आर्थिक समृद्धि और धन-संपदा की प्राप्ति
- व्यापार और नौकरी में उन्नति
- संकटों और कष्टों से मुक्ति
- परिवार में सुख-शांति और सौभाग्य
महत्व
कुबेर जी की आरती विशेष रूप से धनवें दिन, धनतेरस और दिवाली जैसे त्योहारों पर की जाती है। इसे नियमित करने से भक्तों को कुबेर देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।