श्री जगन्नाथ संध्या आरती
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अनंत रूप अनंत नाम
अनंत रूप अनंत नाम,
अनंत रूप अनंत नाम,
आदि मूल नारायण
आदि मूल नारायण
अनंत रूप अनंत नाम,
अनंत रूप अनंत नाम,
आदि मूल नारायण
आदि मूल नारायण
विश्व रूप विश्व धारा
विश्व रूप विश्व धारा
विश्वव्यापक नारायण
विश्वव्यापक नारायण
विश्व तेजस प्रज्ञ स्वरूप
विश्व तेजस प्रज्ञ स्वरूप
हे दया सिंधो कृष्ण हे दया
अनंत शयन हे जगन्नाथ
अनंत शयन हे जगन्नाथ
कमल नयन हे माधव
कमल नयन हे माधव
करुणा सागर कालिय नर्दन
करुणा सागर कालिय नर्दन
हे दया सिंधो कृष्ण
हे दया सिंधो कृष्ण
हे कृपा सिंधो कृष्ण
हे कृपा सिंधो कृष्ण
अनंत रूप अनंत नाम,
अनंत रूप अनंत नाम,
आदि मूल नारायण
आदि मूल नारायण
श्री जगन्नाथ संध्या आरती के बारे में
श्री जगन्नाथ संध्या आरती भगवान जगन्नाथ को समर्पित एक संध्या कालीन भक्ति गीत है, जो विशेष रूप से पुरी, ओडिशा में पूजा जाने वाले भगवान विष्णु के पूजित स्वरूप हैं। यह आरती शाम के समय भगवान जगन्नाथ को उनकी सुरक्षा, कृपा और दिव्य उपस्थिति के लिए धन्यवाद अर्पित करने के लिए गाई जाती है। यह जगन्नाथ के अनंत और शाश्वत स्वरूप को, जो ब्रह्मांड के पालनहार और भक्तों के करुणामय उद्धारकर्ता हैं, उजागर करती है।
अर्थ
संध्या आरती भगवान जगन्नाथ के दैवीय गुणों की स्तुति करती है, जो एक अनंत, शाश्वत ईश्वर हैं जो ज्ञान और करुणा के साथ ब्रह्मांड का संचालन करते हैं। यह उनकी दिव्य ज्योति को दर्शाती है, जो अंतिम सत्य और सार्वभौमिक संतुलन का प्रतीक है। भक्त इस आरती का जाप शांति, सुरक्षा, आध्यात्मिक प्रकाश और जीवन की बाधाओं के निवारण के लिए उनके आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु करते हैं। इसमें समर्पण और श्रद्धा को जगन्नाथ की कृपा पाने का मार्ग बताया गया है।
लाभ
- संध्या और उसके बाद शांति और सौहार्द प्रदान करता है
- भक्त के जीवन से अंधकार और भय को दूर करता है
- भगवान जगन्नाथ की सुरक्षा और उपचारकारी आशीर्वाद लाता है
- आध्यात्मिक विकास और विश्वास को बढ़ावा देता है
- बाधाओं और नकारात्मक प्रभावों को पार करने में मदद करता है
- समृद्धि, स्वास्थ्य और मानसिक स्पष्टता लाता है
महत्व
श्री जगन्नाथ संध्या आरती भगवान जगन्नाथ की दैनिक पूजा में विशेष रूप से संध्या समय पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शाम के समय इसका गायन भक्त की श्रद्धा और आध्यात्मिक जुड़ाव को दर्शाता है, जो परंपरागत रूप से आत्मचिंतन और प्रार्थना का समय माना जाता है। यह आरती जगन्नाथ की शाश्वत उपस्थिति और भक्तों को शांति, सुरक्षा और मुक्ति की ओर मार्गदर्शन में उनके विश्वास को सुदृढ़ करती है।